न्यूज़ डेस्क– यूपी के मिर्जापुर स्थित लखनिया दरी जलप्रपात के पास सात विदेशी मेहमानों के साथ घूमने गईं तीन बहनों की हिम्मत और दिलेरी हर घर की बेटियों के लिए मिसाल बन गई है। उन्होंने फ्रांसीसी दल की चार महिलाओं की तो इज्जत बचाई ही, लाठियां-कोल्ड ड्रिंक्स की बोतलों से हमला करने वाले युवकों को अपनी बहादुरी से भागने के लिए मजबूर कर दिया।
खास बात यह है कि इन बहादुर बहनों न तो मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण लिया है न तो कभी एनसीसी में ही रहीं। केवल अपने साहस और सूझबूझ के बल पर तीनों बेटियां 12 मनबढ़ युवकों को पर भारी पड़ गईं।
वाराणसी के सोनारपुरा के धोबियाना के पास रहने वाले होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. जयंत दत्ता की तीन बेटियां हैं। इनमें बीएचयू में मनोविज्ञान विषय से बीए ऑनर्स करने वाली रिया दत्ता, आशा महाविद्यालय से बीकॉम कर रही मिली दत्ता और दुर्गाचरण बालिका इंटर कॉलेज की 12वीं की छात्रा तानिया दत्ता। रविवार को तीनों अपने चाचा नितिन डे के साथ फ्रांसीसी दल के सात सदस्यों को लेकर लखनियां दरी घूमने गई थीं। दोपहर बाद 3:20 बजे चूड़ा-मटर और ड्राई फ्रूट खाने और दरी के दृश्यों की फोटोग्राफी करने के बाद सभी क्रूजर पर सवार होने के लिए निकले थे। सबसे आगे बड़ी बहन रिया फ्रांसीसी दल के जाम्पियर, क्लेयर बर्नार, पैट्रिक और पैतेस्थिया और डॉमिनिक के साथ चल रही थी। इनके बाद मिली अकेली आगे बढ़ रही थी, जबकि वह खुद फ्रांसीसी युवती लैला के साथ सबसे पीछे चल रही थी। इसी दौरान नशे की हालत में छह युवक उनके पीछे दौड़े हुए आए और लैला संग सेल्फी खिंचवाने की जिद करने लगे। लैला के मना करने पर उनमें से विवेक नामक युवक बीच में आकर चलने लगा। उसने एक हाथ लैला की कमर पर और दूसरा तानिया की कमर पर रखने की कोशिश की। इस पर तानिया ने उसके गाल पर तमाचा जड़ दिया। इतने में रिया और मिली भी दौड़ पड़ीं। लड़के बौखला गए और मारपीट करने लगे।
इतने में तानिया ने वहां पड़ी कोल्ड ड्रिंक्स की बोतल से एक हमलावर पर ताबड़तोड़ वार कर दिया। रिया और मिली आसपास पड़े ईंट-पत्थरों से मुकाबला करने लगीं। लड़कियों का साहस देख आसपास के लोगों की भीड़ जुटते ही युवक भागने लगे लेकिन तीनों बहनों ने उनमें से एक इमरान को दौड़ाकर पकड़ लिया। कुछ देर बाद मौके पर पुलिस आ गई। अहरौरा थाने में रिया ने इस मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई है।