लखनऊ में गरजे अमित शाह, बोले-किसी कीमत पर वापस नहीं होगा CAA

डंके की चोट पर कहने आया हूं कि जिसको विरोध करना है करे, सीएए वापस नहीं होने वाला है."

0 34

लखनऊ — यूपी की राजधानी लखनऊ पहुंचे भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के गृहमंत्री अमित शाह ने मंगवर को सीएए के समर्थन में हुकंर भरी.दअसल लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में आयोजित जनजागरण रैली को संबोधित करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस , सपा और बसपा पर जमकर निशाना साधा.

वहीं रामकथा पार्क में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि जिसे जितना विरोध करना है करे, लेकिन सीएए किसी भी कीमत पर वापस नहीं होगा.यहीं नहीं उन्होंने विपक्ष को चुनौती देते हुए कहा कि वे बताएं कि नागरिकता संशोधन कानून में कहां किसी की नागरिकता लेने की बात लिखी है. सिर्फ वोटबैंक की सियासत के लिए लोगों को गुमराह न करें.

सीएए पर विरोधी पार्टियां दुष्प्रचार और भ्रम फैला रही

Related News
1 of 1,059

अमित शाह ने कहा कि सीएए पर विरोधी पार्टियां दुष्प्रचार और भ्रम फैला रही हैं, इसीलिए बीजेपी जन जागरण अभियान चला रही है, जो देश को तोड़ने वालों के खिलाफ जन जागृति का अभियान है. उन्होंने कहा, ‘नरेन्द्र मोदी जी सीएए लेकर आए हैं. कांग्रेस, ममता बनर्जी, अखिलेश, मायावती, केजरीवाल सभी इस बिल के खिलाफ भ्रम फैला रहे हैं. इस बिल को लोकसभा में मैंने पेश किया है. मैं विपक्षियों से कहना चाहता हूं कि आप इस बिल पर सार्वजनिक रूप से चर्चा कर लो.सीएए में कहीं पर भी किसी की नागरिकता लेने का कोई प्रावधान नहीं है, इसमें नागरिकता देने का प्रावधान है.’

“अमित शाह ने आगे कहा, “महात्मा गांधी जी ने 1947 में कहा था कि पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू, सिख भारत आ सकते हैं. उन्हें नागरिकता देना, गौरव देना, भारत सरकार का कर्तव्य होना चाहिए. नेहरू जी ने कहा था कि केंद्रीय राहत कोष का उपयोग शरणार्थियों को राहत देने के लिए करना चाहिए. इनको नागरिकता देने के लिए जो जरूरी हो वो करना चाहिए, लेकिन कांग्रेस ने कुछ नहीं किया.”

कांग्रेस के पाप के कारण हुए भारत मां के टुकड़े 

अमित शाह ने कहा, “मैं वोटबैंक के लोभी नेताओं को कहना चाहता हूं, आप इनके कैंप में जाइए, कल तक जो सौ-सौ हेक्टेयर के मालिक थे वे आज एक छोटी सी झोपड़ी में परिवार के साथ भीख मांगकर गुजारा कर रहे. कांग्रेस के पाप के कारण धर्म के आधार पर भारत के दो टुकड़े हुए. पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की संख्या कम होती रही. आखिर कहां गए ये लोग? कुछ लोग मार दिए गए, कुछ का जबरन धर्म परिवर्तन किया गया. मैं आज डंके की चोट पर कहने आया हूं कि जिसको विरोध करना है करे, सीएए वापस नहीं होने वाला है.”

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Comments
Loading...