बलिया हत्याकांड मामले में बड़ी कार्रवाई, SDM व CO सहित सभी पुलिसकर्मी निलंबित

बलिया हत्याकांड मामले में CM योगी ने सख्त कदम उठाते हुए SDM व CO सभी पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित

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उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में उस वक्त भगदड़ मच गई जब भाजपा नेता धीरेंद्र सिंह ने दबंगई दिखाते भरी पंचायत के बीच एक सख्स को गोली मार दी। वहीं गोली लगने से जयप्रकाश पाल ने दम तोड़ दिया।

चौकाने वाली बात यह कि जिस समय यह घटना हुई उस वक्त वहां पर एसडीएम और सीओ भी मौजूद थे। जबकि आरोपी धीरेंद्र सिंह वारदात को अंजाम देकर मौके से फरार हो गया। फिलहाल पुलिस ने उसके खिलाफ बलिया के रेवती थाने में हत्या का केस दर्ज किया है।

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सीएम के निर्देश पर किया सभी को निलंबित

वहीं इस मामले को संज्ञान में लेते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ नेघटनास्थल पर मौजूद एसडीएम, सीओ सहित सभी पुलिसकर्मियों को
तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है।

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सीएम के निर्देश पर एसडीएम सुरेश कुमार पाल, सीओ चंद्रकेश सिंह के साथ ही घटना के दौरान मौजूद रहे सभी आठ पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। पूरे मामले की जांच डीएम श्रीहरि प्रताप शाही करेंगे। मुख्यमंत्री ने आरोपितों के विरुद्ध भी कठोर कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए हैं।

ये था पूरा मामला…
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बता दें कि गुरुवार को बलिया के ग्राम सभा दुर्जनपुर और हनुमानगंज की कोटे की दो दुकानों के आवंटन के लिए गुरुवार को पंचायत भवन पर बैठक बुलाई गई। इसमें एसडीएम व सीओ बैरिया, बीडीओ बैरिया गजेन्द्र प्रताप सिंह के साथ ही रेवती थाने की पुलिस फोर्स मौजूद थी। दुकानों के लिए चार स्वयं सहायता समूहों ने आवेदन किया।

Bjp Worker Killed Young Man

इसमें भी वहां दुर्जनपुर की दुकान के लिए आम सहमति नहीं बन सकी। ऐसे में दो समूहों मां सायर जगदंबा स्वयं सहायता समूह और शिव शक्ति स्वयं सहायता समूह के बीच मतदान कराने का निर्णय लिया गया।वहां मौजूद एसडीएम व सीओ चं ने कहा कि वोटिंग वही व्यक्ति कर सकता है जिसके पास आधारकार्ड अथवा अन्य पहचान पत्र होगा।

इसमें एक पक्ष के लोग आधार कार्ड लेकर आए थे लेकिन दूसरे पक्ष के लोग कोई पहचान पत्र लेकर नहीं आए थे। इसी को लेकर हंगामा शुरु हो गया। इस दौरान गोली चल गई जिसमें जयप्रकाश पाल मौत हो गई।

मृतक के भाई ने पुलिस पर लगाया आरोप

जबकि मृतक के भाई का कहना है कि जब भाजपा नेता धीरेंद्र प्रताप और उसके लोग पत्थरबाजी और फायरिंग कर रहे थे तो पुलिस उनको बचाने का प्रयास कर रही थी और मृतक पक्ष के लोगों को पीटकर भगा रही थी। यही नहीं मृतक के भाई का आरोप है कि वारदात के बाद पुलिस ने हत्याकांड को अंजाम देने वाले आरोपी को पकड़ लिया था लेकिन बाद में उसे भीड़ से बाहर ले जाकर छोड़ दिया.

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