बिहार में शराब के शौकीनों के लिए एक अच्छी खबर है। दूसरे राज्यों के तरह बिहार में एक बार फिर से शराब की बिक्री शुरू हो सकती है। दरअसल कोरोना वायरस के कारण प्रदेश में लागू लॉकडाउन की वजह से राजस्व में भारी कमी आई है जिसको देखते हुए नीतिश सरकार यह दम उठा सकती है।
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CIABC ने लिखा सीएम को लेटर…
इसको लेकर कंफेडेरेशन ऑफ इंडियन अल्कोहलिक बेवरेज कंपनीज (CIABC) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बिहार में शराबबंदी पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। CIABC ने बिहार सरकार से नियंत्रित और जिम्मेदार तरीके से शराब के बिक्री की अनुमति मांगी है।
गौरतलब है कि बिहार में पांच अप्रैल 2016 से शराब के निर्माण, व्यापार, भंडारण, परिवहन और बिक्री पर प्रतिबंध लगा हुआ। संगठन के महानिदेशक विनोद गिरी ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में शराबबंदी को बोल्ड कदम बताते हुए इस फैसले के लिए उनकी तारीफ की। कहा कि यह अपने उद्देश्य को प्राप्त करने में सफल रहा है, लेकिन अब इस पर पुनर्विचार करने का समय आ गया है।
6-7 हजार करोड़ का होगा सरकार को फायदा…
उन्होंने सरकार से यह भी अनुरोध किया कि वह केवल एक मूल्य बिंदु से ऊपर शराब उत्पादों की बिक्री की अनुमति दे, जिनके पास साधन हैं वे इसे खरीद सकते हैं, उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को राज्य-आधारित शराब उत्पादकों को स्वतंत्र रूप से उत्पादन और निर्यात करने की अनुमति देनी चाहिए। गिरी ने कहा दूसरे राज्यों की तरह बिहार में भी होम डिलेवरी या ऑनलाइन सेल की छूट मिले। इससे राज्य को 6-7 हजार करोड़ का राजस्व संग्रह होगा।
कोरोना के कारण राजस्व में आई भारी कमी
बता दें कि कोरोना महामारी के कारण केंद्र और राज्य सरकार के राजस्व में भारी कमी आई है। इस समय अगर बिहार में नियंत्रित और जिम्मेदारी पूर्वक तरीके से शराब की बिक्री की अनुमति दी जाती है, तो राज्य के राजस्व में अच्छी बढ़ोतरी होगी।
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