प्रवासी आयोग बनाने से बौखला गए अखिलेश यादव

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लखनऊः कोरोना के संक्रमण काल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रवासी मजदूरों के साथ हैं। उन्होंने श्रमिकों के लिए प्रवासी आयोग बनाने का निर्देश देकर वंचितों के लिए बड़ा काम किया है।

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अखिलेश यादव की सरकार में श्रम विभाग को कमजोर कर दिया गया था। इसकी वजह से उनकी सरकार में मजदूरों के लिए कोई योजना नहीं आ पाई। मजदूरों के पलायन को रोकने के लिए अखिलेश यादव सरकार में कोई काम नहीं किया गया। उन्हें योगी आदित्यनाथ जी के प्रवासी आयोग का स्वागत करना चाहिए। ये बातें उत्तर प्रदेश सरकार में अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष डा. लालजी प्रसाद निर्मल ने कही है।

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डॉ. निर्मल ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को कमजोर नेता बताया है। उन्होंने कहा है कि अखिलेश यादव कोई बयान जनता के हित में नहीं देते हैं। वह केवल सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए राजनीति करते हैं। आज जब कोरोना को लेकर पूरा देश एकजुट है, तब अखिलेश यादव केवल सरकार की कार्य प्रणाली पर सवाल कर रहे हैं। उनके पास न तो कोरोना को लेकर कोई सुझाव है और न ही मजदूरों के जीवन को बचाने के लिए कोई उपाय। योगी सरकार के काम-काज को लेकर वह परेशान हो गए हैं। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अपने लोकसभा क्षेत्र आजमगढ़ में भी कोरोना के दौरान कभी नहीं देखे गए।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को वंचित वर्गों की ओर से धन्यवाद देते हुए डॉ. निर्मल ने कहा है कि 70 फीसदी मजदूर दलित वर्ग से हैं। जो दो जून की रोटी की व्यवस्था करने के लिए दूसरे राज्यों में चले जाते हैं। योगी आदित्यनाथ जी को मजदूरों का दर्द पता है। यही वजह है कि योगी आदित्यनाथ जी ने प्रवासी आयोग बनाकर हमेशा के लिए मजदूरों की समस्याओं को खत्म करने की तैयारी की है। समाजवादी पार्टी को यह आयोग बनाया जाना अच्छा नहीं लग रहा है, जबकि प्रवासी आयोग से पूरे प्रदेश के मजदूरों का डाटा सरकार के पास होगा और सरकार को उनके रोजगार के साधन उपलब्ध करवाने में आसानी होगी।

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