वैभव तिवारी हत्याकांड: बांदा में जाकर छिपे थे हिस्ट्रीशीटर विक्रम व सूरज
लखनऊ--हजरतगंज स्थित कसमंडा हाउस में डुमरियागंज के पूर्व विधायक जिप्पी तिवारी के बेटे वैभव के हत्यारोपितों की गिरफ्तारी हो चुकी है। हत्या करने के बाद आरोपियों ने छिपने के लिए 500 किलोमीटर का सफर तय किया। मर्डर को अंजाम देने के बाद पुलिस की दबिश से बचने के लिए आरोपी अपनी एसयूवी से कानपुर और बांदा तक भागते रहे।
सूरज शुक्ला और विक्रम सिंह ने पुलिस से पूछताछ में यह कबूला कि वे लोग हत्या करने के बाद बांदा में छिपने के लिए गए थे। वे कोर्ट में सरेंडर करने वाले थे, इससे पहले ही पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। गौरतलब है कि डुमरियागंज के पूर्व बीजेपी विधायक प्रेम प्रकाश उर्फ जिप्पी तिवारी के बेटे वैभव की शनिवार को कसमंडा हाउस में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वैभव बीजेपी नेता जिप्पी तिवारी की इकलौती संतान था। इस मामले में नरही निवासी हिस्ट्रीशीटर विक्रम सिंह और गोसाईंगंज निवासी प्रॉपर्टी डीलर सूरज शुक्ला को नामजद करवाया गया था । वहीं वारदात के बाद से दोनों आरोपी फरार चल रहे थे। पुलिस ने दोनों आरोपियों पर 20-20 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था। पुलिस के मुताबिक वैभव की हत्या की साजिश उसी के दोस्त सूरज ने रची थी और वारदात को अंजाम हिस्ट्रीशीटर विक्रम सिंह ने दिया था। दोनों की तलाश में पुलिस की सात टीमें लगी हुई थीं । मंगलवार को पुलिस को जानकारी मिली थी कि इनाम घोषित होने के बाद दोनों बदमाशों ने कोर्ट में सरेंडर करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसकी जानकारी होने के बाद पुलिस ने कोर्ट के आसपास पहरा लगा दिया था। कोर्ट में आने जाने वाले हर संदिग्ध पर नजर रखने के लिए सादे कपड़ों में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। पुलिस उसे हर हाल में कोर्ट के बाहर ही दबोचने की तैयारी कर रही थी।
सूत्रों की माने तो वैभव तिवारी की हत्या 7 लाख रुपये के लेनदेन के विवाद में की गई थी। पुलिस की पूछताछ में हत्या आरोपी सूरज शुक्ला के पिता संतोष शुक्ला ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि डेढ़ साल से रुपये के लेनदेन को लेकर सूरज और वैभव में तनातनी चल रही थी।