बिहार में एनडीए सरकार बनने के महज दो दिन बाद ही नीतीश सरकार पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के आरोप लगने लगे हैं. इसी कारण नवनियुक्त शिक्षा मंत्री डॉ. मेवालाल चौधरी को इस्तीफा देना पड़ गया.
महागठबंधन इस मुद्दे को और आगे बढ़ाना चाहता है और इसमें शामिल दलों के नेता मेवालाल के बाद स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय जैसे मंत्रियों को भी तत्काल मंत्रिमंडल से बाहर करने की जरूरत बता रहे हैं.
ये भी पढ़ें..6 साल की बच्ची से दुष्कर्म, चाचा को 20 साल की सजा
RJD सांसद मनोज झा ने लगाए आरोप…
RJD सांसद मनोज झा ने कहा कि राज्य में पूरे कोरोनाकाल में स्वास्थ्य सेवा लचर थी, लेकिन उन्हें फिर से उसी विभाग का मंत्री बना दिया गया है. बिहार में स्वास्थ्य विभाग में अलग चेहरा देना चाहिए, क्योंकि वह एक कठपुतली हैं जिनकी डोर कहीं और है.
इसके अलावा भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि मेवालाल के बाद मंगल पांडेय जैसे मंत्रियों को भी तत्काल मंत्रिमंडल से बाहर किया जाना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि लॉकडाउन के समय में मंगल पांडेय नकारा साबित हुए हैं. पूरे बिहार में लगातार उनकी बर्खास्तगी की मांग उठाती रही है, लेकिन फिर से उन्हें स्वास्थ्य मंत्री बना दिया गया.
विरोध के बाद मेवालाल को देना पड़ा इस्तीफा
उन्होंने कहा है कि पहले ही दिन से भाकपा-माले, पूरा विपक्ष और बिहार की जनता दागी व्यक्ति को शिक्षा मंत्री जैसे पद दिए जाने का विरोध कर रही थी. जब पूरे बिहार में इसका प्रतिवाद हुआ तो मजबूरन मेवालाल चौधरी को पद से हटाना पड़ा है.
बता दें कि मंगल पांडेय के कार्यकाल में कोरोना को संभाल नहीं पाने के आरोपों के तहत दो स्वास्थ्य सचिवों को अपना पद गंवाना पड़ा था.
ये भी पढ़ें..प्रदेश में देर रात 4 सीनियर IPS अफसरों का तबादला
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं। )