सात साल बाद फिर दिल्ली में अन्ना ने भरी हुंकार, बैठे अनशन पर 

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न्यूज डेस्क –एक बार भी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने दिल्ली के रामलीला मैदान में शुक्रवार को भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के साथ अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गए।इस दौरान अन्ना हजारे ने कहा कि उन्होंने मोदी सरकार को 43 पत्र लिखे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

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उन्होंने कहा कि मोदी सरकार से लोकपाल और कृषि संकट पर बातचीत करने के प्रयास का कोई नतीजा नहीं निकला।बता दें कि राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद रामलीला मैदान में अनशन शुरू करने के तुरंत बाद उन्होंने कहा, “बीते चार साल में मैंने मोदी सरकार को 43 पत्र लिखे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।” उन्होंने कहा, देश के किसान संकट में हैं, क्योंकि उन्हें फसलों का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है और सरकार उचित मूल्य तय करने की दिशा में कोई काम नहीं कर रही है।

गौरतलब है  कि अन्ना के अनशन का मकसद केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्त की नियुक्ति, नए चुनाव सुधार और देश में कृषि संकट को हल करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने के लिए दबाव बनाना है। उन्होंने कहा कि वह सरकार के साथ आंदोलन के दौरान चर्चा करेंगे, लेकिन उनका अनिश्चितकालीन अनशन ‘सत्याग्रह’ सरकार की तरफ से कोई ठोस कार्ययोजना आने तक जारी रहेगा।

सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि केंद्रीय कृषिमंत्री राधा मोहन सिंह और महाराष्ट्र के कुछ मंत्रियों ने गुरुवार को उनसे मुलाकात की और कुछ आश्वासन दिए।बता दें कि अन्ना हजारे ने साल 2011 में अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा आंदोलन किया था, जिसने भारतीयों की भावनाओं को छुआ था।वहीं अन्ना हजारे (80) ने कहा, “मैं दिल के दौरे से मरने के बजाय देश के लिए मरना पसंद करूंगा।”

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