लखनऊ — राजधानी लखनऊ के मलिहाबाद में दस साल पहले हुए ट्रिपल मर्डर केस में अदालत ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है। उसने एक बुजुर्ग महिला समेत दो मासूम बच्चों की निर्मम हत्या कर दी थी। हत्यारा मृतक का दामाद था और पत्नी की दूसरी शादी कराने से नाराज था।ADGC अशोक कुमार त्रिपाठी की अगुवाई में केस की सुनवाई चल रही थी। शुक्रवार को कोर्ट ने आरोपी को फांसी के साथ ही 40 हजार रुपये जुर्माने की सजा भी सनाई।
बता दें कि 12 दिसंबर 2009 को ट्रिपल मर्डर की एफआईआर राकेश कुमार ने मलिहाबाद थाने में दर्ज कराई थी। इसके मुताबिक रात करीब दो बजे वह उसकी मां सुरसती देवी (65), भतीजा सूरज (10)व भतीजी शिवांकी (6) सो रहे थे। तभी राजाखेड़ी निवासी उसका बहनोई बुद्धा अपने साथियों के साथ घर में घुस आया। उसने धारदार हथियार से वार करके तीनों की हत्या कर दी और उसे घायल करके भाग गया। राकेश के मुताबिक 10 साल पहले उसकी बहन देशपति की शादी बुद्धा से हुई थी, आए दिन लडाई झगडे के कारण उन्होंने अपनी बहन की शादी बाराबंकी निवासी पंचाराम से करा दी थी। इससे बुद्धा काफी नाराज था।
वहीं 12 दिसंबर 2009 को घटना से एक दिन पहले उसकी बहन उन लोगों से मिलने घर आई थी और मिलकर चली गई थी। बुद्धा ने गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में बताया था कि वह अपनी पत्नी देशपति व उसके दूसरे पति को मारने घर में घुसा था, लेकिन ये दोनों नहीं मिले थे। इस पर वह अन्य लोगों हत्या कर फरार हो गया था।
उल्लेखनीय है कि जिला शासकीय अधिवक्ता (ADGC) मनोज कुमार त्रिपाठी और सहायक शासकीय अधिवक्ता (DGC) आशोक कुमार त्रिपाठी ने ट्रिपल मर्डर के आरोपी बुद्धा को मौत की सजा की मांग करते हुए कोर्ट से अपील की थी। जिसमे कहा गया था कि 12 दिसंबर 2009 की रिपोर्ट के अऩुसार 11,12 दिसंबर की रात करीब दो बजे वादी राकेश कुमार और उसकी मां सुरसती देवी,भतीजा सूरज और भतीजी शिवांगी घर के अंदर सो रहे थे। तभी बुद्धा अपने दो साथियों के साथ घर में घुस आया और धारदार हथियार के उसकी मां,भतीजे और भतीजी पर हमला करके हत्या कर दी साथ ही उस पर भी जानलेवा हमला कर फरार हो गया।दरअसल आरोपी बुद्धा की वादी की बहन देशपति से 10 वर्ष पूर्व विवाह हुआ था।बुद्धा और देशपति में बनती नहीं थी लिहाजा देशपति की शादी दूसरी जगह कर दी गई थी।इसी वजह से बुद्धा वादी राकेश से रंजिश मानता था।