भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक पुलिस कांस्टेबल को 10 लाख रुपयों की रिश्वत लेते धर दबोचा. कांस्टेबल ने रिश्वत की यह राशि NDPS के आरोपी को उसके खिलाफ दर्ज मामले में मदद करने की एवज में ली थी.इसके अलावा थानाधिकारी की भूमिका भी बताई जा रही है. जो भनक लगते ही फरार हो गया.
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वहीं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो टीम ने सोमवार देर रात जयपुर स्थित एक होटल में इस कार्रवाई को अंजाम दिया है. फिलहाल पुलिस ने रिश्वत की राशि जब्त कर कांस्टेबल से पूछताछ कर रही हैं.
भनक लगते ही भाग निकल थानाधिकरी
मिली जानकारी के मुताबिक आरोपी कांस्टेबल नरेश चन्द मीणा श्रीगंगानगर के जवाहर नगर थाने में पदस्थापित है. भ्रष्टाचार के इस मामले में श्रीगंगानगर के जवाहर नगर थानाधिकारी राजेश कुमार सियाग की भूमिका भी बताई जा रही है. ACB टीम की कार्रवाई की भनक लगने के बाद थानाधिकरी सियाग फरार हो गया. टीम ने उसे भी इस मामले नामजद कर लिया है.
16 लाख रुपये अब तक ले चुका कांस्टेबल
पीड़ित ने बताया कि कांस्टेबल नरेश चन्द मीणा इस मामले में 16 लाख रुपये पहले ले चुका है. इनमें से पहली बार 15 लाख रुपये लिये. इन रुपयों में से उसने 2.5 लाख रुपये खुद के, 2.5 लाख रुपये एएसआई के और 10 लाख रुपये थानाधिकारी को देने की बात कही थी.
उसके बाद उसने फिर से 25 लाख रुपए मांगे. कांस्टेबल ने उसे रुपये देने के लिये जयपुर बुलाया था. यहां जब कांस्टेबल होटल में रुपये ले रहा था तो ACB टीम ने उसे दबोच लिया.
ACB टीम के जाल में फंसा कांस्टेबल
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम के मुताबिक पीड़ित शख्स ने 14 अक्टूबर को शिकायत दर्ज कराई थी. सत्यापन में शिकायत सही पाई गई. इस पर सोमवार रात को ACB टीम ने अपना जाल बिछाकर कार्रवाई को अंजाम दिया.
परिवादी उत्तर प्रदेश का रहने वाला है. उसके खिलाफ श्रीगंगानगर के सदर थाने में एनडीपीएस एक्ट का मामला दर्ज है. इसकी जांच जवाहर नगर थानाधिकारी राजेश कुमार सियाग कर रहे हैं.
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