मंहगाई के बावजूद धनतेरस पर्व पर लोगों में दिखा उत्साह,जमकर की खरीददारी

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न्यूज डेस्क–दिवाली का उत्साह महंगाई पर भारी पड़ रहा। धनतेरस को सुबह से बाजारों में उमड़ी भीड़ ने जमकर खरीददारी की। लोगों ने करोड़ों रुपये के आभूषण, बरतनों की खरीदारी की। मिठाइयों में भी लाखों के कारोबार का अनुमान है।

धनतेरस पर्व पर सोमवार को बाजार चमक उठा। सराफा व बर्तन की दुकानों पर जमकर खरीददारी हुई। सोने व चांदी के लगभग पांच करोड़ से अधिक के कारोबार का अनुमान लगाया जा रहा है। वहीं बर्तन व्यवसाय 08 करोड़ से अधिक का होने का अनुमान है। 

वाहनों की खरीददारी करके भी लोगों ने धतेरस पर परंपरा का निर्वहन किया। इलेक्ट्रानिक उत्पादों की भी जमकर बिक्री हुई। आफर और गिफ्ट आइटमों की बौछार होने के चलते सामान की खरीददारी का उत्साह लोगों के सिर चढ़कर बोला। सुबह 11 बजे से देर रात तक खरीददारी का दौर चला। इस दौरान धनतेरस पर लगभग 31.16 करोड़ से अधिक का कारोबार हुआ।

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धनतेरस पर्व पर सुबह से ही बाजारो में चहल-पहल शुरू हो गई। दुकानें दुल्हन की तरह सजी नजर आईं। सुबह 11 बजे से धनतेरस पर्व पर परंपरा निर्वहन के लिए खरीददारी का दौर शुरू हुआ। जो देर रात तक चलता रहा। शहर के स्टीलगंज तालाब, चौक बाजार, छोटी बाजार, छावनी व सराफा बाजार में स्थित सराफा की दुकानों पर रह-रहकर लोगों की भीड़ उमड़ती रही। तिल रखने भर की जगह नहीं थी। कोई गणेश-लक्ष्मी के चांदी के सिक्कों की खरीददारी कर रहा था। तो कोई परंपरा निर्वहन के लिए सोने व चांदी के जेवरात और बर्तन को खरीद रहा था। चांदी में नकली और असली की पहचान से बचने के लिए लोगों ने सोने के जेवरात, सिक्कों, मूर्तियों और बर्तनों की खरीददारी की। चांदी के पुराने सिक्कों की मांग अधिक रही। जिससे सराफा बाजार जमकर उछला। 

सराफा व्यापार संघ के पूर्व अध्यक्ष राकेश वर्मा ने बताया कि सुबह से शाम तक शहर क्षेत्र में स्थित सराफा के दुकानों पर लगभग साढ़े तीन करोड़ से अधिक का कारोबार हुआ है। इसके अलावा ग्रामीण अंचलो में स्थित सराफा के दुकानों पर भी लगभग डेढ़ करोड़ से अधिक का कारोबार होने का अनुमान लग रहा है। उन्होंने कहा कि इस बार बीते वर्ष की अपेक्षा सोने चांदी का मूल्य कम होने के चलते खरीददारी जमकर हुई है। लोग परंपरा निर्वहन के लिए उत्साहित दिखे।

भारी जेवरात खरीदने से नहीं किया परहेजः

धनतेरस के अवसर पर लोगों की पसंद बीते वर्ष सोने के हल्के जेवरात रहे। वहीं इस वर्ष लोगों ने भारी जेवरात खरीदने से परहेज नहीं किया। चांदी की असलियत को लेकर कोई दिक्कत न हो इसके लिए लोगों ने चांदी के पुरानों सिक्कों की खरीददारी में रुचि दिखायी।

( रिपोर्ट-अनुराग पाठक )

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