‘अब भाजपा के झूठ-फरेब व जुमलेबाजी में नहीं फसेंगे पिछड़े व दलित’- लोटन राम निषाद
लखनऊ– समाजवादी पार्टी से 2012 के विधानसभा चुनाव से पूर्व अलग होकर अमर सिंह ने लोकमंच नामक पार्टी का गठन कर 403 विधानसभा क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार उतारे, जिसमें से केवल एक उम्मीदवार की जमान बची और अमर सिंह के विरोध के बाद भी समाजवादी पार्टी 224 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में सफल रही।
राष्ट्रीय निषाद संघ (एन.ए.एफ) के राष्ट्रीय सचिव चौ. लौटन राम निषाद ने पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव द्वारा समाजवादी सेकूलर मोर्चा बनाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि 2012 में अमर सिंह के लोकमंच पार्टी की जैसी स्थिति हुई थी। वैसी ही स्थिति शिवपाल यादव के समाजवादी सेक्यूलर मोर्चा की होगी और इनके विरोध के बाद भी सपा के जनाधार में कोई अन्तर नहीं पड़ेगा। भाजपा अमर सिंह के सहयोग से शिवपाल सिंह यादव को हवा दे रही है। जिसका गुब्बारा लोकसभा चुनाव में ऐसा फुटेगा कि भाजपा 73 से फिसल कर 3 पर आ जायेगी और सपा गठबंधन 73 प्लस सीटें जीतेगा। शिवपाल जी का भाजपा से अन्दर खाने जो संबंध था ,वह पर्दे पर आ चुका है और यादव समाज सहित अन्य पिछड़े सामाजिक न्याय की जड़ को कमजोर नहीं होने देंगें।सपा-बसपा के संभावित गठबंधन से परेशान भाजपा तरह तरह के जुगत बैठा रही है,पर अब कोई जुगत उसके काम नहीं आएगा। सपा सरकार में जो शिवपाल खलनायक थे,आज वही भाजपा के रिश्तेदार कैसे हो गए? राजा भैया की नवगठित जनसत्ता पार्टी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए निषाद ने कहा कि यह सब भाजपा की चाल है,पर उसकी चाल उल्टी ही साबित होगी।
निषाद ने कहा कि भाजपा झूठ-फरेब, छल-कपट व जूमलेबाजी की राजनीति करती है। जिसकी असलियत को पिछड़े-अतिपिछड़े व दलित- अतिदलित, आदिवासी समाज भलिभांति समझ चुका है और अब किसी भी दशा में भाजपा के बहकावे व भूलावे में नहीं आयेगा। जबसे केन्द्र व उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी है, पिछड़े दलित वर्ग के सामाजिक न्याय व आरक्षण कोटा पर हथौड़ा चलाया जा रहा है।
निषाद ने कहा कि 755 विधिक अधिकारियों में मात्र 53 ओबीसी, एससी, एसटी व माईनारिटी को स्थान दिया गया। सुप्रीम कोर्ट के 73 सरकारी वकीलों में मात्र 2 वकीलों को भेजा गया। उच्च न्यायालय नियुक्ति प्राधिकरण द्वारा 61 में 52 सवर्णों को जज बनाया गया। गोरखपुर विश्वविद्यालय में 71 प्रोफेसर, एसोसिएट व असिंस्टेंट प्रोफेसर में 38 ठाकुर, 24 ब्राह्मण सहित 66 सवर्णों को स्थान दिया गया। क्या यह जातिवाद नहीं रामराज है ? केन्द्रीय मंत्रीमण्डल में 27 कैबिनेट मंत्रियों में मात्र 2-2 पिछड़ों व दलितों को मंत्री बनाया गया है। ओबीसी, एससी, एसटी वर्ग भाजपा के तुच्छ जातिवाद को भलिभांति समझ चुका है।