टेस्ट क्रिकेट मुझे कभी पसंद नहीं था, जो पसंद हो वही करना चाहिए- शाहिद अफरीदी
स्पोर्ट्स डेस्क– पाकिस्तान के तूफानी बल्लेबाज शाहिद अफरीदी ने एक ऐसा बयान दिया है। जिसकी वजह से वो चर्चा में आ गए है। दरअसल जिस टेस्ट क्रिकेट को लेकर आईसीसी समेत तमाम देश इसकी लोकप्रियता से परेशान है।
तो वहीं अफरीदी ने कहा है कि उन्हे हमेशा से ही वनडे क्रिकेट खेलना पसंद रहा और उन्होने टेस्ट मैच में ज्यादा दिलचस्पी नही ली।38 साल के ऑलराउंडर अफरीदी तीन महीने के बाद सक्रिय क्रिकेट में लौटे हैं। वे अफगानिस्तान प्रीमियर लीग-2018 में पैक्टिया पैंथर्स की ओर से खेल रहे हैं। अफरीदी ने नंगरहार लेपर्ड्स के खिलाफ 19 रन बनाए और एक विकेट भी झटका। उनकी टीम ने यह मैच 21 रन से जीता। एशिया कप में भारत के खिलाफ शतक लगाने वाले अफगानिस्तान के मोहम्मद शहजाद ने पैंथर्स की ओर से सबसे अधिक 53 रन बनाए।
टेस्ट क्रिकेट खेलने मुझे कभी पसंद नही था
अफरीदी ने टूर्नामेंट शुरू होने के बाद खलीज टाइम्स से कहा, ‘मौजूदा समय में टेस्ट क्रिकेट खेलने का सवाल ही नहीं उठता। मुझे वनडे क्रिकेट हमेशा पसंद रहा। मुझे लगता है कि आपको जो पसंद हो वही करना चाहिए। जो पसंद नहीं, उसे जबरदस्ती करने का कोई मतलब नहीं और टेस्ट क्रिकेट खेलना मुझे कभी पसंद नहीं रहा।’
छोटे फॉर्मेट ने आगे बढ़ाया
अफरीदी ने कहा कि क्रिकेट के छोटे फॉर्मेट के कारण ही उनका करियर लंबा खिंच सका। उन्होंने कहा, ‘टी20 और टी10 के कारण ही वे लंबे समय तक क्रिकेट खेल पाए।’ उन्होंने एक सवाल पर हंसते हुए कहा कि जितने कम ओवर होंगे, उतना ही अधिक करियर लंबा होगा।
वनडे के मुकाबले टेस्ट में खराब प्रदर्शन
अफरीदी ने 398 वनडे और 99 टी20 मैच खेले हैं। वहीं, टेस्ट क्रिकेट में उन्हें सिर्फ 27 मैच खेलने का मौका मिला। उनसे ज्यादा वनडे मैच सिर्फ चार क्रिकेटरों सचिन तेंदुलकर, महेला जयवरर्धने, कुमार संगकारा और सनथ जयसूर्या ने खेले हैं। अफरीदी विश्व क्रिकेट में सिर्फ दूसरे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने 300 से अधिक वनडे मैच खेला, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में 50 मैच का आंकड़ा भी नहीं छू सका। दूसरा नाम युवराज सिंह का है। युवराज ने 304 वनडे और 40 टेस्ट मैच खेले हैं। युवी ने 58 टी20 मैच भी खेले हैं।