लगातार बदल रही है ट्रैफिक पुलिस की वर्दी, अब खाकी की जगह पहनेगे नीली पैंट
लखनऊ — अब एक दिसंबर से यूपी की ट्रैफिक पुलिस नई वर्दी में दिखेगी। डीजीपी सुलखान सिंह ने ट्रैफिक पुलिस के हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल को खाकी टेरीकॉट पैंट की जगह गहरी नीली पैंट पहनने के निर्देश दिए हैं। इस वर्दी के लिए इन्हें हर वर्ष 2250 रुपये का भुगतान किया जाएगा।
इससे पहले माया सरकार के दौरान भी ट्रैफिक पुलिस की वर्दी में नीली पैंट शामिल की गई थी, जिसको लेकर काफी विवाद हुआ था। बीएसपी सरकार पर वर्दी पर राजनैतिक रंग चढ़ाने के आरोप लगे थे।
डीजीपी मुख्यालय के प्रवक्ता आईजी लोक शिकायत विजय सिंह मीणा ने बताया कि ट्रैफिककर्मी सर्दी, गर्मी और बारिश के मौसम में व्यस्त चौराहों और बाजारों में ड्यूटी करते हैं। पब्लिक में ये सिविल पुलिस से अलग और सुव्यवस्थित दिखें, इसलिए वर्दी बदलने की जरूरत महसूस हुई। डीजीपी सुलखान सिंह की अध्यक्षता में ट्रैफिक निदेशालय और डीजीपी मुख्यालय के अफसरों की वर्दी को लेकर बैठक हुई, जिसमें वर्दी में बदलाव पर अधिकारियों ने सहमति जताई। एक दिसंबर से पूरे प्रदेश में ट्रैफिक पुलिस के कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल की वर्दी में डार्क ब्लू पैंट शामिल हो जाएगी।
2012 में सत्ता संभालने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने 25वें फैसले में माया सरकार के ट्रैफिक पुलिस की वर्दी बदलने के आदेश को पलट दिया था। इसके लिए एक कमिटी का गठन किया गया। वर्दी में किए गए बदलाव को लेकर राय ली गई। कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि नीली कैप और नीली पैंट का ड्रेस कोड निजी कंपनियों के सुरक्षा गार्डों से मिलता है। ये ट्रैफिक पुलिस के लिए ठीक नहीं है। अखिलेश सरकार ने 22 मई 2012 को ट्रैफिक पुलिस की पैंट और कैप दोनों नीले से बदलकर खाकी कर दिए।