स्वच्छ भारत मिशन को मुंह चिढ़ाती यह तस्वीर, गाँव में नहीं बना एक भी शौचालय

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एटा–देश में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा चलायी जा रही स्वच्छ भारत मिशन योजना पर करोड़ो रुपये खर्च किया जा रहा है। जिससे देश का हर गाँव खुले में सोंच मुक्त हो लेकिन जनपद एटा के अधिकारी और जन प्रधिनिधि इस योजना को जमकर पलीता लगाने का काम कर रहे है। 

जनपद एटा के तहसील अलीगंज में एक ऐसा भी गांव है जो आज तक अपनी बदहाली पर सालों  से आंसू बहा रहा है। कहने को केंद्र और राज्य सरकार द्वारा पूर्व से लेकर वर्तमान में भी गांव के विकास से संबंधित कई योजनाएं चलाई जा रही हैं पर विकास खंड अलीगंज के गाँव नगला धाता को यह सारी की सारी योजनाएं सिर्फ ठेंगा ही दिखाती दिख रही हैं। तहसील अलीगंज में शायद यही एक मात्र ऐसा गांव होगा जहां अभी तक एक भी शौचालय नहीं बना है। उस पर आए दिन जिला प्रशासन का अपने मुंह मियां मिट्ठू बनना और अपनी झूठी पीठ थपथपाना कहां तक उचित है।

जिला प्रशाशन का दावा है कि ये अलीगंज ब्लॉक की ग्राम पंचायत नगला धाता पूरे तरीके से ओड़ीएफ हो चुका। उसके बाद भी एस्प इस गाँव की स्थिति देख सकते है जहां समूचे गाँव मे एक भी सौचालय नही है । तेरे आंकड़ों के चलते देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आंकड़े जरूर खराब हो जायेंगे, जो पंचायतें ओडीएफ हो रही है वो कितनी सार्थक है वो सब साफ-साफ दिख रही है। वही ओडीएफ के नाम पर सरकार ने अपने सिर पर ताज तो खूब बांध लिया पर शायद जिला प्रशासन अपनी आंखें मूंद कर बैठा हुआ है, तभी तो आज तक किसी भी जिम्मेदार को इतनी फुर्सत नहीं हुई कि एक बार इन ग्राम वासियों की पीड़ा भी सुन सके और गाँव नगला धाता में सौचालय बनाकर ग्रामीणों की  सौचालय की समस्या को निपटा सकें।

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आज भी इस पिछड़े गांव में महिलाएं और बच्चे रात हो या दिन शौच के लिए खुले में जाने को मजबूर हैं। इनमें कुछ वयोवृद्ध महिलाएं ऐसी भी हैं जो चलने से मजबूर हैं परंतु फिर भी उन्हें इस दैनिक क्रिया के लिए घर से बाहर जाना ही पड़ता है। वहीं युवतियां और महिलाएं अपनी आप बीती बताते हुए बेझिझक यह कहती हैं सूरज ढलने के बाद जब अंधेरा हो जाता है मन में डर तो बहुत लगता है पर मजबूरी के चलते हमें घर से दूर आना ही पड़ता है। सड़क के नाम पर भी इस गांव में खरंजो के केवल अवशेष ही दिखाई देते हैं उन पर भी गंदगी से बजबजाती हुई नालियां गांव की बदहाली को बखूबी बयान करती हैं।

बात सरकारी आवास योजनाओं की तो ग्रामवासियों द्वारा यह बताया गया जिसके सर पर घास फूस की छत है या फिर कच्चा मकान है वह कभी भी पात्रता की श्रेणी में नहीं आ सका। अनियमितताएं कुछ इस प्रकार हावी हैं एक ही व्यक्ति को कई कई सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाया गया है जब कि वास्तविक पात्र  इस से वंचित रह गए। ग्राम वासियों ने ग्राम प्रधान पर भी आरोप लगाते हुए यह बताया कि  हमने ग्राम प्रधान से कई बार शिकायत की है हमारे यहाँ शौंचालय बनबा दो लेकिन ग्राम प्रधान है कि सुनता ही नहीं। 

ग्रामीणों की माने तो इस गाँव में पिछले दस सालो से कोई भी विधायक और सांसद जीतने के बाद नहीं आया। जबकि विधानसभा अलीगंज से विधायक सत्यपाल सिंह और फरुखाबाद लोकसभा क्षेत्र से मुकेश राजपूत  दोनों ही भाजपा के है।  फिर भी अनियमितताओं से भरा हुआ यह गांव जहां जिंदगी की दर-दर की  ठोकरें खाने को आज भी मजबूर है।

(रिपोर्ट -आर. बी. द्विवेदी , एटा )  

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