CM के आदेश की जिला प्रशासन उड़ा रहा धज्जियां, तेज लाउड स्पीकरों पर नहीं लग पा रही लगाम
कानपुर देहात– मुख्यमंत्री आदित्य योगीनाथ के आदेश के बाद भी प्रशासन ध्वनि प्रदूषण पर रोक नही लगा पा रहा है । पुरानी लूट , डकैती, चोरी जैसी घटनाओं से पुलिस सबक नही ले रही है।
दरअसल जिले में गणेश चतुर्थी व विजयादशमी के उपलक्ष्य में लगाए जाने वाले साउंड स्पीकर पर प्रतिबंध नहीं लग पा रहा है । रात के समय तेज आवाज में कस्बे के अंदर बजाए जा रहे हैं जिससे शिवली कस्बा वासियों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है । एक ओर माननीय मुख्यमंत्री आदित्य योगीनाथ कुछ समय पहले फरमान जारी करते हैं की किसी भी हालत में साउंड़ो का तेज आवाज में चलाना पूर्ण रूप से वर्जित है । उसके बाद भी रामलीला , गणेश पूजन करने वाले कार्यकर्ता मुख्यमंत्री के आदेश को दरकिनार कर तेज आवाज में साउंड़ो को चलाते हैं । जिससे हृदय गति जैसी बीमारियां होने का खतरा मंडराता रहता है ।
आपको बता दें कि हाल ही में अनेक परीक्षाओं लगी हुई है । सांउडों की आवाज़ के कारण छात्रों की पढ़ाई में असुविधा उत्पन्न हो रही है। यूपी टेट , रेलवे , एसएससी , पुलिस , बैंक , उत्तर प्रदेश लोक सेवा की परीक्षाएं लगी है लाउडस्पीकर की वजह से वह पढ़ नही पा रहे है बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है । जिसका जिम्मेदार कार्यक्रम संचालक एवं प्रशासन है । साउंड को बंद कराने के लिए यदि कोई कार्यक्रम संयोजक से बात करता है तो सामूहिक कार्यकर्ता एकत्रित होकर मारपीट पर आमादा हो जाते हैं। प्रतिवर्ष अधिकारियों को अवगत कराया जाता है उसके बाद भी अधिकारी अंजान बने बैठे रहते हैं । आपको बता दें उच्च अधिकारियों द्वारा निर्देश दिए जाते हैं की किसी भी त्यौहार प्रोग्राम के होने के पहले एक शांति बैठक का आयोजन किया जाता है। शांति बैठक में कुछ चंद लोगों का पहुंच कर बैठक को कागजों में पूर्ण कर दिया जाता है । अंदरूनी बात को अधिकारियों तक नहीं पहुंचने दी जाती है । देखा गया है कि पिछले वर्ष रामलीला कार्यक्रम के समय लाउडस्पीकरों का देर रात तक बजता रहता था। इसकी शिकायत ट्विटर के माध्यम से अधिकारियों को की गई थी। उसके बाद हरकत में आई शिवली पुलिस ने लाउडस्पीकरों को समय से चालू वह बंद करने के निर्देश दिए थे । कुछ दिनों तक तो समय पर चले उसके बाद फिर अपने ढर्रे पर रवैया शुरू कर दिया ।
स्थानीय लोगों के आवाज उठाने से कार्यक्रम के कार्यकर्ता अपशब्दों मारपीट जैसी धमकियां शिकायतकर्ता को देने लगते हैं। देर रात तक लाउडस्पीकर को चलाने से कस्बावासी नींद पूरी नहीं कर पाते हैं जिससे वह बीमार पड़ जाते हैं। प्रशासन के इस रवैए से शिवली कस्बे में पहले भी कई बड़ी लूट डकैती जैसी घटनाएं हो चुकी हैं। उसके बाद भी शिवली पुलिस अनजान बनी बैठी रहती है समय पर यदि आवश्यक कार्यवाही ना की गई तो कस्बा वासियों में आपस में विवाद उत्पन्न हो सकता है जिसका श्रेय शिवली प्रशासन को जाएगा ।राम ने बताया कि पिछले वर्ष ट्विटर के माध्यम से शिकायत की गयी । उसके बाद कार्यकर्ता अपशब्द , गाली गलौज में आमदा हो जाते है जिसको प्रमुख रूप से अधिकारियों को अवगत कराया गया था । उपजिलाााधिकारी रामशिरोमणि ने बताया कि घटना स्थल पर कोतवाली प्रभारी महेंद्र प्रताप को भेजा गया है यदि किसी प्रकार की असुविधा होगी तो कार्यवाही की कायकर्म संचालक के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी ।
(रिपोर्ट-संजय कुमार, कानपुर देहात)