बाढ़ राहत सामग्री वितरण में घोटाला,ग्राउंड जीरो से प्रशासन की खुली पोल
फर्रुखाबाद — जिले प्रशासन लाख दावे कर ले लेकिन हकीकत उससे विपरीत है मामला बाढ़ राहत सामग्री वितरण का है । यूपी समाचार लगातार बाढ़ का कबरेज जमीनी स्तर पर रहा है।जिसमे जिला प्रसाशन के दावे फेल होते नजर आ रहे है।
मंत्रियों से लेकर जिलाधिकारी ने अपने कर्मचारियों को निर्देश दिए थे कि जो गांव बाढ़ से प्रभावित है उन गांवों में तत्काल राहत सामग्री पहुंचाई जाए।लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है।
हम आपको ले चलते है राजेपुर ब्लाक क्षेत्र के गांव कनकापुर,तेरा,बदनपुर गांव में जिनमे बाढ़ का पानी 20 दिनों से भरा हुआ है।लोगो को शौच क्रिया करने के लिए लगभग 2 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है । गांव के ज्यादातर शौचालय बाढ़ के पानी मे डूब गए है। घरो के अंदर पानी भर गया है लोग छतो पर पालीथिन डालकर अपना गुजारा करने पर मजबूर दिखाई दे रहे है गांव वालों का कहना है कि अभी तक गांव में कोई भी सरकारी कर्मचारी नही आया है और न ही लेखपाल ।
जबकि अधिकारियों का दावा है कि कोई भी गांव ऐसा नही जिसमे राहत न पहुंची हो । बच्चे सुखी रोटी खाने को मजबूर है ।जिन घरों में पानी भरा है उनको जहरीले कीड़ो का डर सता रहा है। गांव की बिजली आपूर्ति भी बंद कर दी गई है।जिस कारण पूरी रात जागकर गुजारनी पड़ती है।
यूपी समाचार की टीम जब इन गाँवो में पंहुची तो प्रशासन की पोल खुल गई। फोटो में आप देखा सकते है कि इस गांव में लोगो को कितनी मदद मिली है । सड़को पर घुटनो के ऊपर पानी चल रहा है घरो का हाल भी वही है।सबसे बड़ा दर्द गांव वालों को यह है कि योगी सरकार ने हम लोगो को शौचालय दिए लेकिन बाढ़ ने उन सभी पर कब्जा कर लिया है। घरो की महिलाएं बेशर्मो की तरह सड़को पर शौच करने पर मजबूर है इस क्षेत्र में अभी तक कोई बाढ़ राहत शिविर नही बनाया गया है जिसका मुख्य कारण यह भी है कि पूरे क्षेत्र में कोई भी ऐसा स्थान नही बचा है जहां पर राहत शिविर बनाया जा सके लेकिन गांव वालों का दर्द है वज किसी भी अधिकारी को नही दिखाई दे रहा है।
(रिपोर्ट-दिलीप कटियार,फर्रुखाबाद)