जिला अस्पताल में मानवता शर्मसार,प्रसूता रुपये की माँग पूरी न कर पाई तो कर्मचारियों ने किया ये…
एटा–प्रदेश की बेपटरी हो चुकी स्वास्थ सेवाओं को सरकार भले ही पटरी पर लाने के लिए लाख प्रयास कर रही हो लेकिन स्वास्थ महकमें ने जैसे कसम खा रखी है कि तुम लाख सुधार लो हम नहीं सुधरेंगें।
ताजा मामला एटा में आया जहॉं मानवता एक बार फिर शर्मसार हो गयी। गरीब, बेबस और लाचार मरीजों को स्वास्थ सेवाओं के नाम पर उनके साथ किस कदर छलावा किया जाता है इसकी बानगी एटा के जिला महिला चिकित्सालय में उस समय देखने को मिली जब प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला रुखसाना को सुबह 11 बजे एटा से 40 किमी दूर अवागढ़ के भोबतपुर गॉंव से उसकी पड़ोसी महिला अस्पताल लेकर पहुंची। बताया जा रहा है कि रुखसाना और उसका परिवार बेहद गरीब है और पति काम की तलाश में मजदूरी पर चला गया था। रुखसाना प्रसव पीड़ा से कराह रही थी लेकिन अस्पताल के कर्मचारी और डॉक्टरों ने खून की कमी बताकर महिला को बाहर का रास्ता दिखा दिया।
महिला चिकित्सालय में ही रुखसाना ने दो जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। प्रसव पीड़ा और दर्द से कराहती महिला जिला महिला चिकित्सालय से करीब एक किमी दूर शहर कोतवाली के मेहता पार्क स्थित पानी की टंकी के पास अपने दोनों बच्चों को लेकर बेहोशी की हालत में मिली।है। वही महिला की गंभीर स्थित को देख स्थानीय लोगों ने 108 एम्बुलेंस बुलाई और दोबारा जिला अस्पताल भिजवाया। पूरा मामला मीडिया के संज्ञान में आने के बाद अस्पताल प्रबंधन हरकत में आया और महिला को भर्ती करने के बाद उसे ब्लड चढ़ाया गया लेकिन प्रसव पीड़ा के बाद बेहतर उपचार न मिल सकने के चलते महिला की स्थित काफी नाजुक बताई जा रही है।
वहीं इस पूरे मामले में बेशर्मी की चादर ओढ़ रखे सीएमएस साहब किस साफगोई से कर्मचारियों और चिकित्सकों का बचाव करते नजर आये और इस पूरे मामले में दोबारा इस तरह की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए जॉंच कराने के बाद दोषी पाये जाने पर अस्पताल कर्मियों के खिलाफ कार्यवाई की रटी रटाई बाते करते नजर आये,वही लोगो की मानें तो अस्पताल कर्मी प्रशव कराने के नाम पर रुपये की भी माँग पूरी ना करने पर खून की कमी बताकर बाहर का रास्ता दिखा दी दिया था।। इस पूरे मामले को देख इतना तो तय है कि प्रदेश की बदहाल स्वास्थ सेवायें खुद बीमार है और इसमें सुधार के प्रयास बेईमानी साबित हो रहे है।
(रिपोर्ट- आर. बी. द्विवेदी , एटा )