दलित बस्ती ख़ाली करवाने में छाया SC/ST एक्ट का डर , बैरंग लौटा एलडीए दस्ता

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लखनऊ — मामला एलडीए के ज़ोन दो के अंतर्गत आने वाले आशियाना थाने के रतन खण्ड का है जहाँ लंबे समय से सरकारी भूमि पर अवैध रूप बस्ती बनाकर रह रहे लोगों को उच्च न्यायालय के आदेश के बाद एलडीए का प्रवर्तन विभाग बस्ती खाली करवाने के लिए पहुँचा ।

लगभग डेढ़ दशक से एलडीए की के रतन खंड के 21 प्लॉटो पर अनेक लोगों द्वारा अवैध बस्ती का निर्माण कर लिया गया था , इनमें से अनेक लोग आश्रयहीन और ग़रीब तबके के थे जिन्हें बाद में आश्रयहीन होने पर सरकार द्वारा डूडा और कांशीराम योजना में आवास भी दे दिया गया। लेकिन फिर भी इन लोगों ने बस्ती खाली करने से इनकार कर दिया । इसे लेकर एलडीए और बस्ती के लोग न्यायालय की शरण मे गए जहां  उच्च न्यायालय द्वारा बस्ती खाली करने के आदेश दिए गए।

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इसी के अनुपालन में गुरुवार को जब एलडीए का दस्ता बस्ती खाली करवाने के लिए पहुँचा तो बस्ती वालों ने पथराव शुरू कर दिया और घर से रुपये चोरी का आरोप लगाकर हंगामा काटना शुरू कर दिया । हंगामा बढ़ता देख मौक़े पर पहुँचे एसीएम तृतीय, एलडीए के अधिशासी अभियंता आरडी राय ने निकल जाना ही सही समझा । इस विषय में एलडीए की तरफ से सभी 56 कब्जेदारों के खिलाफ आशियाना थाने में तहरीर दी गई है । 

वहीं एलडीए के अधिशासी अभियंता आरडी राय ने बताया कि अवैध रूप से बसी ये बस्ती में अधिकतर दलित समुदाय के लोग ही रहते हैं और इसी कारण मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए ज़्यादा पुलिस बल की आवश्यकता थी साथ मे महिला पुलिस की भी उपलब्धता की ज़रूरत थी । एससी एसटी एक्ट के कारण भी अधिकारी कर्मचारी काफी डरे हुए थे कि कहीं ये कार्यवाही उनके लिए बड़ी आफत न बन जाये ।

एलडीए की टीम गुरुवार सुबह से ही आशियाना थाने पहुंचे गयी थी लेकिन एसीएम तृतीय ब्रिजेन्द्र कुमार की विलंबता के कारण कार्यवाही समय से नहीं शुरू हो सकी और कुछ देर की जद्दोजहद के बाद एलडीए के प्रवर्तन दस्ते को खाली हाथ लौटना पड़ा । कार्यवाही के दौरान एसीएम तृतीय बृजेन्द्र कुमार , सीओ कैंट तनु उपाध्याय , आशियाना थाना प्रभारी अपने दल बल और पीएसी के साथ मौजूद रहे ।

(रिपोर्ट-अंशुमान दुबे,लखनऊ)

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