मुंबई प्लेन हादसे में देश की ‘पहली मुस्लिम महिला पायलट’ की मौत

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न्यूज डेस्क — गुरुवार को मुंबई चार्टर्ड प्लेन हादसे में मौत का शिकार हुई पायलट मारिया जुबेरी के परिवार वालों का दावा है कि वह देश की पहली मुस्लिम महिला पायलट थीं.बता दें कि मारिया उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद की रहने वाली थी

उनके माता-पिता इलाहाबाद के रानी मंडी मोहल्ले में रहते हैं और यहीं मारिया का बचपन भी बीता. वहीं मारिया की प्लेन हादसे हुई मौत की खबर मिलते ही जहां पूरा परिवार सदमे में है, वहीं मारिया के घर पर ढांढस बंधाने वालों का तांता लगा हुआ है.

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आपको बता दें कि मारिया के पिता इकबाल हसन जुबेरी पेशे से डाॅक्टर हैं. तीन बहनों और एक भाई में मारिया सबसे बड़ी होने की वजह से परिवार में सबकी लाड़ली थी. मां फरीदा जुबेरी व परिवार के दूसरे लोग उसे डाॅक्टर बनाना चाहते थे, लेकिन मारिया ने बचपन से ही पायलट बनने की जिद ठान रखी थी.

 मारिया ने इलाहाबाद के क्रास्थवेट गर्ल्स काॅलेज और सेंट मेरीज कालेज के साथ ही इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी करने के बाद रायबरेली के इंदिरा गांधी उड़ान एकेडमी से पायलट की ट्रेनिंग पूरी की थी.मारिया की शादी 18 साल पहले रायबरेली के आमिर रिजवी के साथ हुई थी. शादी के बाद वह मुंबई शिफ्ट हो गईं थीं. मारिया की पंद्रह साल की एक बेटी भी जिसे वह बहुत प्यार करती थी. जो इसी साल दसवीं की परीक्षा उर्तीण की.

मां फरीदा जुबेरी के मुताबिक, बीस दिन पहले ही मारिया इलाहाबाद आईं थी और चार-पांच दिन घर पर रहकर वापस मुंबई चली गईं थी. मारिया की मां यह बताते हुए फफक कर रो पड़ती हैं कि एक दिन पहले ही उनकी बेटी मारिया से फोन पर बात हुई थी और उन्होंने मां को मुंबई भी बुलाया था. वहीं पिता ने बताया कि वे बेटी को अपनी तरह डॉक्टर बनाना चाहते थे. लेकिन बेटी का सपना पायलट बनने का था और उसने देश की पहली मुस्लिम पायलट बनकर अपना सपना पूरा किया.

बता दें कि मुंबई में मारिया इन दिनों एक प्राइवेट कंपनी के मार्फ़त चार्टर्ड प्लेन उड़ाने का काम करती थीं. मारिया की मौत पर परिवार ही नहीं बल्कि पूरे मोहल्ले को यकीन नहीं हो रहा है. परिवार वाले रात को इलाहाबाद से लखनऊ के लिए रवाना हो गए हैं. मारिया का अंतिम संस्कार शुक्रवार को मुंबई में किया जाएगा.

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