सफाई कर्मियों की हड़ताल से नगर पालिका बनी “नरक पालिका”

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फर्रुखाबाद–नगरपालिका के सफाई कर्मियों की हड़ताल के कारण पूरे शहर में कूड़ा सड़कों पर पड़ा हुआ है । उसे उठाने के लिए कोई कर्मचारी नही आया है।नगर पालिका के सफाई कर्मियों के रमजान में हड़ताल पर जाने से गंदगी जी का जंजाल बनी है।

उत्तर प्रदेश सफाई कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष नीरज वाल्मीकि के नेतृत्व में हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही। सुबह से ही सफाई कर्मचारी सफाई कार्य बंद करके एकजुट होकर टाउन हाल पर एकत्रित हुये और नगर पालिका के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।वहीं दो दिन से शहर का कूड़ा सफाई नहीं होने से पूरे शहर में कूड़े के ढेर पड़े रहे। कूड़ा सड़कों पर फैलता रहा। कई स्थानों पर कूड़े से दुर्गंध आनी शुरू हो गई है।शहर में कूड़ा न उठने की बजह से  गलियों से लेकर मुख्य मार्गो पर कई टन कूड़ा पड़ा दिखाई दे रहा है।

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सफाई कर्मियों की हड़ताल होने से नगर में सफाई व्यवस्था चौपट रही। प्रतिदिन निकलने वाला करीब कई टन कूड़ा पूरे नगर में फैलता रहा। कूड़ा नहीं उठने के साथ ही नाला सफाई अभियान ठप रहा। किसी भी नाले की सफाई नहीं हुई। नालों से निकाला गया शिल्ट भी बाहर नहीं निकाला जा सका।दूसरी तरफ सफाई कर्मचारियों द्वारा रोजाना 70 ट्राली कूड़ा उठाकर शहर के बाहर फेका जाता है।दो दिन की हड़ताल से पूरे शहर में 140 ट्राली कूड़ा पड़ा हुआ है।

संगठन के जिलाध्यक्ष नीरज वाल्मीकि ने बताया की उनकी हड़ताल किसी निर्णय पर पंहुचने तक जारी रहेगी।हमारी चौदह सूत्रीय मांगे है।उनको नही माना गया तो कोई भी काम नही करेगा।शहर में गंदकी को देखते हुए एसडीएम सदर अजीत सिंह ने सफाई कर्मचारियों से बातचीत की लेकिन कर्मचारियो ने साफ कहा कि पहले मांगे पूरी की जाए सभी लोग अभी से काम शुरू कर देंगे।उसके बाद नगर पालिका चेयरमैन के पति मनोज अग्रवाल उनको समझाने पहुंचे।लेकिन हड़ताल का कोई हल नही निकल सका है।महिला सफाई कर्मचारियों का कहना था कि पिछले पांच सालों में अस्वाशन के अलाबा कुछ नही मिलता है यदि समय पर सभी काम होने लगे तो कोई परेशानी नही होगी।

शहर में झाड़ू लगाने से लेकर कूड़ा उठाने तक लगभग 800 से ऊपर कर्मचारी है उनका इलाज कराने के लिए ठोस कदम उठाना चाहिए।एक महिला का कहना था कि सबको परमानेंट किया जाए उसके साथ जो पैसा कटता उसका भुगतान कराया जाए।हम लोग ब्याज पर पैसा लेकर घर का खर्चा चलाती हूं।काम करने वाले लोगो का कभी मेडिकल परीक्षण भी नही कराया जाता है।जिस कारण घर मे बच्चे बीमार हो रहे है यदि उनका इलाज कराना है तो ब्याज पर रुपया उठाना पड़ रहा है। हरीशचन्द्र, सुनील, फूलचन्द्र, दीपमाला, सुनीता, जागेश्वर, गीता वाल्मीकि, लता  सहित सैकड़ों सफाई कर्मचारी मौजूद रहे।

(रिपोर्ट- दिलीप कटियार, फर्रुखाबाद)

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