Ram Mandir: प्राण प्रतिष्ठा से पहले MP Modi ने राम मंदिर पर जारी किया डाक टिकट

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Ayodhya Ram Mandir: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्राण प्रतिष्ठा से पहले श्री राम जन्मभूमि मंदिर पर एक स्मारक डाक टिकट (Postal Stamps) जारी किया है। इसके साथ ही पीएम ने दुनिया भर में भगवान राम पर जारी टिकटों की एक किताब भी जारी की। 48 पन्नों की इस किताब में 20 देशों के टिकट शामिल हैं। पीएम मोदी ने छह विशेष डाक टिकट जारी किए हैं। इनमें राम मंदिर, भगवान गणेश, हनुमान, जटायु, मां शबरी और केवटराज शामिल हैं।

20 से अधिक देशों द्वारा जारी किए गए डाक टिकट शामिल

स्टाम्प पुस्तिका विभिन्न समाजों में भगवान राम की अंतर्राष्ट्रीय अपील को प्रदर्शित करने का एक प्रयास है। 48 पन्नों की इस किताब में कनाडा, कंबोडिया, संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, न्यूजीलैंड और सिंगापुर जैसे संगठनों सहित 20 से अधिक देशों द्वारा जारी किए गए डाक टिकट शामिल हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने एक वीडियो संदेश में कहा कि आज मुझे राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह से जुड़े एक और कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिला। आज राम मंदिर को समर्पित छह डाक टिकट जारी किए गए।

इसके अलावा दुनिया भर में भगवान राम पर डाक टिकटों की एक किताब भी जारी की गई। डाक टिकट विचारों, इतिहास और ऐतिहासिक घटनाओं को अगली पीढ़ी तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि ये टिकटें सिर्फ कला का काम नहीं हैं। ये इतिहास की पुस्तकों और कलाकृतियों और ऐतिहासिक स्थलों का सबसे छोटा रूप हैं।

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टिकटों पर राम मंदिर की तस्वीर

उन्होंने कहा कि इन टिकटों पर राम मंदिर की भव्य तस्वीर है। कलात्मक अभिव्यक्ति के माध्यम से राम के प्रति भक्ति की भावना है और मंगल भवन अमंगल हारी की लोकप्रिय चौपाई के माध्यम से राष्ट्र के कल्याण की कामना है। इनमें सूर्यवंशी राम के प्रतीक सूर्य की छवि है, जो देश में नई रोशनी का संदेश भी देती है। पवित्र सरयू नदी का चित्र भी है। जो देश को सदैव राम की कृपा से गतिशील रहने का संदेश देता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 5 भौतिक तत्व यानी आकाश, वायु, अग्नि, पृथ्वी और जल, जिन्हें ‘पंचभूत’ के रूप में जाना जाता है, विभिन्न डिजाइन तत्वों के माध्यम से परिलक्षित होते हैं और पंचमहाभूतों का पूर्ण सामंजस्य स्थापित करते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम, देवी सीता और रामायण की कथाएं समाज, जाति, समय, धर्म और क्षेत्र की सीमाओं से परे जन-जन से जुड़ी हैं।

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