Cyclone Biparjoy: गुजरात में बिपरजॉय ने मचाई तबाही, 950 गांव अंधेरे में, सड़कें जलमग्न, सैकड़ों पेड़ उखड़े

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गुजरात के तटीय इलाकों में गुरुवार की शाम चक्रवाती तूफान बिपरजॉय (Cyclone Biparjoy) के टकराने से भारी तबाही हुई है। बिपरजॉय चक्रवाती तूफान के कच्छ जिले की मांडवी तहसील के जखौ बंदरगाह के समीप टकराने के बाद देररात तक इसका असर समूचे कच्छ, द्वारका और जामनगर जिले में देखने को मिला। चक्रवात के लैंडफॉल की प्रक्रिया रात साढे़ 12 बजे तक चली। इस दौरान जल, थल और नभ में बवंडर मचा रहा।

तेज हवाओं के साथ बारिश ने कहर बरपाया। यह पिछले छह घंटों के दौरान 13 किमी प्रति घंटे की गति से उत्तर पूर्व की ओर बढ़ रहा था। यह जखाऊ बंदरगाह से 40 किमी उत्तर-पूर्व में गया है, जबकि नलिया से 30 किमी उत्तर-पूर्व में गया है। भारी बारिश के कारण कई जगहों पर पानी भर गया है।

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राहत आयुक्त आलोक पांडेय के मुताबिक, कच्छ में महज 2 घंटे में 78 मिमी यानी 4 इंच बारिश हुई है। जबकि 240 गांवों में सबसे ज्यादा बिजली आपूर्ति बाधित होने और पेड़ गिरने की घटनाएं हुई हैं। कच्छ-सौराष्ट्र के जिलों में एक हजार से अधिक पेड़ उखड़ गए हैं। द्वारका में 73 पेड़ गिरे हैं। अब तक 22 लोगों के घायल होने की सूचना है। तूफान अब दक्षिण राजस्थान से आगे निकल गया है।

Biparjoy Cyclone

यहां हुआ सबसे ज्यादा नुकसान

चक्रवात के लैंडफॉल के बाद द्वारका जिले में तूफानी हवाएं चलीं। सबसे ज्यादा नुकसान खंभालिया में हुआ है। जिले में 1500 से अधिक बिजली के खंभे गिरने की खबर है। जिले में पीजीवीसीएल की 117 टीमों को तैनात किया गया है। सौराष्ट्र-कच्छ के तटीय क्षेत्र में तेज हवा और बारिश के कारण कई स्थानों पर विशालकाय पेड़ उखड़ गए। बिजली के खंभे गिरने से सैकड़ों गांव अंधेरे में डूब गए।

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बिपरजॉय (Cyclone Biparjoy) ने कच्छ के मांडवी, नलिया, नारायण सरोवर, जखाऊ पोर्ट, मुंद्रा और गांधीधाम समेत कई इलाकों में तबाही मचाई। मांडवी में पिछले 18 घंटे से बिजली कटौती की जा रही है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, बिपरजॉय गुजरात तट से टकराने के बाद और अधिक विनाशकारी हो गया। यह सौराष्ट्र-कच्छ के क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ा।

cyclone

125 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हवाएं

इसके बाद मांडवी में तेज हवा शुरू हो गई। चक्रवात के कारण हवा की गति 80 से 125 किमी प्रति घंटे के बीच दर्ज की गई। आईएमडी के अनुसार, चक्रवात से उत्पन्न खतरे के कारण 94,000 लोगों को समुद्री तटों से निकाला गया, जिससे जान-माल का नुकसान होने से बचा जा सका। इसके अलावा 15 जहाज, 7 विमान और NDRF की टीम को तैनात किया गया है।

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