करोड़ों रुपये डकार गये प्रधान का बस्ता जमा, जल्द होगी कानूनी कार्यवाही

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सीतापुर — जिलाधिकारी शीतल वर्मा ने अपनी जांच में बेहटा ब्लॉक के गांव रतौली के प्रधान को विकास कार्यों में बड़े पैमाने पर घोटाला करने का दोषी पाया है। जिसके बाद जिलाधिकारी ने प्रधान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश जिला पंचायत राज अधिकारी को दिए हैं।

कार्रवाई के तहत ग्राम प्रधान बिट्टा देवी पति रामदत्त भार्गव का बस्ता जमा कराने और प्रधान की जगह पर तीन सदस्यीय टीम चयनित करने के निर्देश दिए हैं। ये तीन सदस्यों वाली टीम ही अब गांव के विकास कार्यों को देखेगी। पिछले 8 सालों से रतौली गांव के विकास कार्यों में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है और विकास के काम सिर्फ कागजों पर हुए हैं। इस मामले को ईमानदार जिलाधिकारी शीतल वर्मा ने काफी गंभीरता से लिया है। उन्होंने प्रधान के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और एफआईआर दर्ज करके गिरफ्तारी की बात कही है।

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गौरतलब है कि 23 अप्रैल को जिलाधिकारी शीतल वर्मा ने गांव रतौली का दौरा किया था। जहां पर लोगों ने अवैध खनन समेत गांव में कोई भी विकास कार्य ना कराये जाने की शिकायत डीएम से की थी। स्थानीय लोगों का आरोप है कि रतौली गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना, पेयजल, सफाई, ओडीएफ, शौचालयों को लेकर जरा सा काम नहीं हुआ है और पूरा पैसा ग्राम प्रधान पिछले आठ सालों से डकार गया है। ओडीएफ को लेकर गांव की प्रगति जीरो है।प्रधान गांव में आज तक कोई खुली मीटिंग भी नहीं की है।

गांव के प्रधान रामदत्त और उसके बेटे पप्पू भार्गव का आपराधिक इतिहास रहा है और उस पर कई आपराधिक मुकदमें अभी भी चल रहे हैं, समाजवादी पार्टी से जुड़े होने के नाते सपा सरकार में उसकी आपराधिक गतिविधियां काफी बढ़ गईं थीं। 90 के दशक में रामदत्त के कई भाई पुलिस एनकाउंटर में मारे गए। एक भाई को डकैती करते ग्रामीणों ने मार डाला था। योगी सरकार में एनकाउंटर के डर से रामदत्त और उसका सरगना बेटे ने अपराध की घटनाएं कम कर दी हैं और गांव छोड़कर लखीमपुर रहने लगा है।

वहीं ग्रामीणों का कहना है कि रतौली का ये प्रधान चौकी इंजार्ज भदफर धनंजय सिंह से मिलकर गांव के अनपढ़ और भोले भाले किसानों को डराता है और उनकी जमीन पर कब्जा करवाता है और गांव में चौकी इंजार्ज की मदद से मनमानी करता है। इसी मनमानी के चलते चौकी इंचार्ज भदफर और ग्राम प्रधान ने मिलकर इसी गन्ना के सीजन में गन्ना किसानों से करीब 8 लाख रुपये जबरन वसूल लिए हैं। प्रधान और चौकी इंचार्ज भदफर धनंजय की इस लूट में थाने-तहसील के कई अधिकारी भी शामिल रहे हैं।

(रिपोर्ट- सुमित बाजपेयी,सीतापुर)

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