कुर्सी के लिए दो दरोगाओं में हुई ‘वर्दीफाड़’ लड़ाई

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गाजियाबाद –प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखने वाले ही खुले आम पुलिस स्टेशन में भिड़ने लगे तो आम जनता को अनुशासन में रखने का जिम्मा किसका होगा. यह सवाल तब उठा जब दो दरोगा पुलिस थाने में कुर्सी पर बैठने को लेकर भीड़ गये।

मामला इतना बढ़ गया कि दोनों के बीच न केवल हाथापाई हुई बल्कि दोनों ने एक-दूसरे की वर्दी तक फाड़ डाली। दरोगाओं को आपस में लड़ते देख थाने पहुंचे फरियादी वहां से भाग खड़े हुए। इंस्पेक्टर ने बीच-बचाव करके किसी तरह मामले को शांत कराया।

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दरअसल घटना बुधवार सुबह 11 बजे की है, जब विजयनगर थाने के दरोगा जवाहर लाल तोमर बतौर दिवस अधिकारी बैठे हुए फरियादियों की शिकायतें सुन रहे थे। तभी दरोगा जवाहर लाल को किसी काम से अपनी सीट से उठना पड़ा। तभी एक अन्य दरोगा रमेशचंद्र, जवाहर लाल की कुर्सी पर आकर बैठ गए। जब जवाहर लाल वापस आए तो उन्होंने रमेशचंद्र को डांटते कुर्सी से उठने को कहा। इस पर रमेशचंद्र भड़क गए और जवाहर लाल को दूसरी कुर्सी लेकर बैठने को कहा। 

बस इसी बात को लेकर दोनों दरोगा आपस में भिड़ गए और बात हाथापाई तक पहुंच गई। तभी मौके पर मौजूद इंस्पेक्टर ने दोनों का बीच-बचाव कराया और मामला शांत किया। वहीं दरोगाओं को इस तरह सरेआम लड़ते देख फरियादी भी घबरा गए और भाग खड़े हुए।

एक दरोगा का हो चुका है तबादला

वहीं विजयनगर थाने के इंस्पेक्टर का कहना है कि झगड़ा करने वाले दरोगाओं में से एक दरोगा का हाल ही में सहारनपुर रेंज में तबादला कर दिया गया है। तबादला होने के बाद से ही उस दरोगा का व्यवहार बदल गया है। तीन दिन पहले भी वह दरोगा एक बैठक के दौरान इंस्पेक्टर से भिड़ चुके हैं। फिलहाल वरिष्ठ अधिकारियों को मामले की जानकारी दी गई है। उल्लेखनीय है कि बीते साल अगस्त माह में मेरठ की एक चौकी में भी दो दरोगा भिड़ गए थे। बात इतनी बढ़ी थी कि एक दरोगा ने दूसरे पर पिस्तौल तान दी थी। किसी तरह चौकी पर मौजूद अन्य पुलिसकर्मियों ने मामला शांत कराया था।

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