आग ने फिर मचाई तबाही, 74 बीघा फसल जलकर हुई राख
औरैया– जिले की अजीतमल कोतवाली के गांव साफर मे किसानों की अपार मेहनत से तैयार की हुई गेहूँ की फसल को फिर किसी की नजर लग गयी और वह जलकर राख हो गयी। गांव के किसानों ने तैयार खड़ी फसल देखकर पहले से आस लगा रखी थी कि वह अबकी बार इस फसल से कर्ज मुक्त हो जाएगा, लेकिन भगवान को यह मंजूर न था और देखते ही देखते अज्ञात कारण से खेत में आग लग गयी।
जिससे 6 किसानों की 74 बीघा फसल जलकर नष्ट हो गयी। आग की खबर फैलते ही साफर, बरीपुरा, सैदपुर, हविलया आदि आसपास के करीब छह गांव के किसान दौड़ पड़े। किसी ने खरपतवार की लकड़ियों, पेड़ों की टहनियों को तोड़कर तो किसी ने कुंडी में भरे कुछ पानी को बाल्टियों से आग बुझाने का प्रयास करने लगे। इसी बीच कुछ किसानों ने तहसील प्रशासन से लेकर डीएम तक के नंबरों पर आग की घटना की सूचना दी।
करीब 2 घंटे बाद पहुँची अग्निशमन की गाड़ी ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आग की सूचना सुन अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे तहसीलदार प्रेमनारायण ने किसानों के हुए नुकसान का जायजा लिया और भरोसा दिलाया कि वह इस आग की घटना की रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजेंगे।
वही उपजिलाधिकारी विजय प्रताप सिंह ने बताया कि रिपोर्ट शासन को भेजी जा रही है। आग से हुए नुकसान का किसान को पूरा मुआवजा दिलवाया जाएगा।
कर्ज लेकर की थी फसल तैयार
फसल में लगी आग तो सामने दिख रही है लेकिन इस आग ने उन किसानों को भुखमरी की कगार पर खड़ा कर दिया है जिन्होंने इस फसल के लिए कर्ज लिया था। इनमें से सभी किसान खेती पर आधारित अपना परिवार का भरण पोषण करते है। अब शायद इस आग ने फसल नही उन किसानों के घर जलाएं है जिनकी आग दिख नही रही है और न ही इनकी आग कोई बुझाने वाला दिख रहा है।ल क्योंकि फसल के साथ साथ आग मेहनत की कमाई पर लगी है।
वहीं साफर गांव निवासी आनन्द अपने ही गांव के निवासी अनिल तिवारी से सात बीघा खेत नगद पर लेकर गेहूं की फसल बोई थी। शिवकुमार ने भी गांव के ही अरविन्द की पांच बीघा खेत नगद पर लेकर गेहूं की फसल बोई थी। जो जलकर पूरी तरह राख हो गई। दोनों भाइयों ने बताया कि उन्होंने उधार लेकर के गेहूं की फसल बोई थी। जो अब उठने ही वाली थी। इस घटना के बाद उनका परिवार भुखमरी के कगार पर आ गया है। सभी पीड़ित किसानों ने प्रशासन से आर्थिक की मांग की है।
(रिपोर्ट- वरुण गुप्ता, औरैया)