आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव समेत 75 आरोपियों को सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने डोरंडा मामले में दोषी करार दे दिया है। 15 फरवरी को रांची के सीबीआई स्पेशल कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एसके शशि ने इस केस की सुनवाई की। इस मामले में सुनवाई करते हुए उन्होंने छह महिलाओं समेत 24 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। बता दें कि अदालत लालू समेत अन्य दोषियों के सजा का ऐलान 18 फरवरी को करेगा।
सीबीआई कोर्ट ने किया सजा का ऐलान:
आज चारा घोटाला में झारखंड के डोरंडा कोषागार से 139। 35 करोड़ रुपए की अवैध निकासी के मामले में आने वाले फैसले को सुनने के लिए लालू यादव पहले ही पटना से रांची पहुंच गए थे। वही रांची एयरपोर्ट पहुंचने पर उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। बता दें कि लालू को अब तक करोड़ों रुपयों के चारा घोटाले से जुड़े पांच में से चार मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है। वही ये पांचवां मामला है जिसका फैसला आज आया है। अब तक लालू यादव को चारा घोटाले के चार मामलों-देवगढ़, चाईबासा, रांची के डोरंडा कोषागार और दुमका मामले में जमानत मिल चुकी है।
कब हुआ था चारा घोटाला?
1990 से 95 के बीच लालू प्रसाद यादव के मुख्यमंत्री रहने के दौरान बिहार के सरकारी खजाने से पशु चारा के नाम पर 950 करोड़ की अवैध निकासी हुई थी। वही इस मामले का खुलासा 1996 में हुआ। जिसके बाद सरकार के खिलाफ जांच करवाया गया, जिसमें लालू प्रसाद का नाम सामने आया था। RC/47A/96 पाँचवां केस में 1990-91 और 1995-96 के बीच 139 करोड़ की अवैध निकासी हुई थी। इनमें से चार मामलों में कोर्ट का फैसला आ चुका है। सभी मामलों में अदालत ने उन्हें दोषी करार देते हुए सजा सुना चुकी है। साथ ही चारा घोटाले के सबसे बड़े और पांचवें मामले में सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने आज फैसला सुनाते हुए दोषी करार दे दिया है।
इस मामले में कुल 170 आरोपी थे, जिनमें से 55 आरोपियों की अबतक मौत हो चुकी है। वहीं सात आरोपी इस कांड के सरकारी गवाह बन गए और 6 आरोपी अभी भी कानून की पकड़ से बाहर हैं। अब लालू यादव समेत 99 आरोपियों पर सीबीआई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है।
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