ग्रामीणों ने बाघ का गला काट कर उतारा मौत के घाट 

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न्यूज डेस्क — उत्तर प्रदेश के पीलीभीत वन्यजीव अभयारण्य में ग्रामीणों ने एक बाघ पर की गला काटकर हत्या कर दी. अधिकारियों ने गुरुवार को इस घटना की जानकारी दी. उन्होंने  बताया कि महोफ रेंज के अंतर्गत बाघ अभयारण्य के करीब ढाई किलोमीटर भीतरी क्षेत्र में वयस्क नर बाघ की हत्या की गई.

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बाघ का मृत शरीर गुरुवार को बरामद किया गया. हालांकि इस मामले में अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.पीलीभीत के संभागीय वन अधिकारी कैलाश प्रसाद ने मीडिया से कहा, ‘यह बदले की कार्रवाई में की गई हत्या प्रतीत होती है. बुधवार को गांव के कुछ लोग जलावन के लिए लकड़ इकट्ठा करने के मकसद से वन के भीतरी हिस्से में चले गए थे जब उनका सामना बाघ से हुआ.’

उन्होंने कहा, ‘कोई व्यक्ति नहीं मारा गया लेकिन कुछ लोग जख्मी हो गए. बाद में उन्होंने मिलकर हमला किया और बाघ को मार डाला’. इलाके में इस साल बाघ की हत्या की यह दूसरी घटना है. पीलीभीत में बाघों द्वारा इनसानों की जान लेने की घटनाएं ज्यादा होती हैं. मार्च में बाघ से सामना होने पर छह लोगों की मौत हो गई थी जबकि 2017 में पांच ऐसी घटनाओं में 21 लोग मारे गए थे.

फरवरी 2017 में नरभक्षी बन जाने पर एक बाघ को लखनऊ के चिड़ियाघर भेज दिया गया था. बाघ का मृत शरीर बरेली स्थित भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान भेजा जा रहा है. उत्तर प्रदेश वन विभाग और वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट आफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, बाघ से सामना होने पर लोगों की मौतों के 90 फीसदी मामलों में पाया गया है कि लोग जंगल में बाघों के विचरण करने वाले इलाके में चले जाते हैं जिससे वे उनकी चपेट में आ जाते हैं.रिपोर्ट में बताया गया है कि 2000 से 2013 के बीच बाघ के हमलों में 49 लोगों की मौत हुई जबकि 24 घायल हुए हैं. तेंदुओं के हमले में 14 लोगों की मौत हुई और 49 घायल हुए.

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