उत्तराखंड में एक बार फिर कुदरत का कहर, बाढ़ में बह गए सड़कें और मकान
उत्तराखंड में बारिश और बाढ़ के भयानक मंजर ने जन-जीवन को तहस नहस कर दिया है।
उत्तराखंड में बारिश और बाढ़ के भयानक मंजर ने जन-जीवन को तहस नहस कर दिया है। वहीं उत्तराखंड में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण हुए हादसों में मारे गए लोगों का आंकड़ा 46 पहुंच गया है। कई लोग अभी तक लापता हैं। भूस्खलन होने से नैनीताल का राज्य के बाकी हिस्सों से संपर्क टूट गया है। यहां पर फसें लोगों का हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू किया जा रहा है।
नैनीताल का कई राज्यों से संपर्क टूटा:
नैनीताल के कई इलाकों में भारी भूस्खलन होने के कारण तीन मुख्य सडकों को काफी नुकसान पहुंचा है। इसी के चलते नैनीताल का बाकि राज्यों से संपर्क टूट गया है। बाढ़ के बीच फसे लोगों का वायुसेना द्वारा हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू किया जा रहा है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सैलाब में फसे लोगों से कहा कि घबराए नहीं। सभी लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए सभी जरूरी कदम उठाये जा रहे हैं।
अब तक इन जगहों पर इतनी हो चुकी मौतें:
चम्पावत में अब तक 4 लोगों की मौत, 2 लोग घायल है और 6 लोग लापता, बनबसा में – 1 मौत, वहीं 18 अक्टूबर को पौड़ी – लैंसडौन – 3 मौत, 2 घायल अवस्था में है। जबकि पिथौरागढ़ में 1 मौत ,19 अक्टूबर को भूस्खलन और बाढ़ के चलते नैनीताल में अब तक 28 लोगों की मौत हो चुकी है, 2 घायल, 5 लोग लापता हैं। अल्मोड़ा में 6 मौत, 2 लोग बुरी तरह से घायल है। उधमसिंह नगर में 2 लोगों की मौत हो चुकी है। चमोली में 4 घायल हैं और बागेश्वर में 1 मौत अभी तक सेना द्वारा लापता लोगों का रेस्क्यू किया जा रहा है।
पर्यटनों को हुआ नुकसान:
आपको बता दें नैनीताल के हालात बिगड़ने से यहां पर कई पर्यटक फंसे हैं। वहीं टिहरी झील में बोटिंग और कैंप कॉटेज मालिकों पर मौसम की मार पड़ी है। बहुत से पर्यटक एडवांस बुकिंग कैंसल करवा रहे हैं तो स्थानीय व्यवसायियों को झटका लग रहा है।
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