तस्करी के लिए जा रहे 18 बंधुआ मजदूरों को एसएसबी ने कराया मुक्त
बहराइच — नेपाल के दो जिलों से 18 बच्चों को बेहतर नौकरी के बहाने चार तस्कर हिमाचल प्रदेश ले जा रहे थे। लेकिन भारत-नेपाल सीमा पर एसएसबी ने सभी बच्चों को पकड़ लिया। मौके से चार तस्कर भी पकड़े गए हैं। सभी बच्चों को नेपाली संस्था को सौंपते हुए तस्करों को जेल भेज दिया गया है।
नेपाल से बच्चों की तस्करी का मामला थम नहीं रहा है। तस्कर बेहतर काम दिलाने के बहाने इन बच्चों को देश के दूसरे प्रदेश में बेच देते हैं। एसएसबी 42वीं बटालियन के उप कमांडेंट जयप्रकाश ने बताया कि रविवार देर शाम को नेपाल के जाजरकोट व बांके जिला से 18 बच्चों की तस्करी कर चार तस्कर हिमाचल प्रदेश के शिमला लिए जा रहे थे। लेकिन एसएसबी के जवान इंस्पेक्टर संतोष कुमार की अगुवाई में आने-जाने वालों की चेकिंग कर रहे थे।
इसी दौरान भारतीय सीमा में प्रवेश कर रहे 18 बच्चों व उनके साथ मौजूद चार तस्करों से जानकारी ली गई तो सभी सही जानकारी नहीं दे पाए। इस पर उन्हें एक संस्था की मदद से कैंप कार्यालय लाया गया। यहां पर उनकी काउंसलिंग की गई तो पता चला तस्कर बच्चों को बेहतर काम दिलाने के बहाने हिमाचल ले जा रहे थे। इस पर सभी को हिरासत में ले लिया गया। उप कमांडेंट ने बताया कि बरामद बच्चों में नेपाल के जाजरकोट निवासी 18 तथा बांके जिला के छह बच्चे शामिल हैं।
इनमें योगेंद्र सिंह, भीम बहादुर, रामनिवास, शोभित चौधरी, महेश शाही, इरशादुल, सुरेश समेत 18 बच्चे शामिल हैं। सभी 10 वर्ष से 14 वर्ष के हैं। वहीं एसएसबी ने नेपाल निवासी तस्कर कमल गौतम, सूरत सिंह, संत बहादुर तथा अहमद हुसैन को गिरफ्तार किया है। उप कमांडेंट ने बताया कि बरामद बच्चों को नेपाल की सानो हाट संस्था को सौंप दिया गया है। वहां पर काउंसलिंग के बाद सभी को उनके घर भेज दिया गया है।
(रिपोेर्ट-अमरेंद्र पाठक,बहराइच)