भारत बंद: दलित आंदोलन हुआ बेकाबू,मेरठ में प्रदर्शनकारियों ने फूंकी पुलिस चौकी 

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न्यूज डेस्क — SC-ST एक्ट में सुप्रीम कोर्ट द्वारा किए गए बदलाव को लेकर देशभर में दलित संगठनों ने भारत बंद का ऐलान किया है। इस बदलाव को लेकर सोमवार को मेरठ जिले में प्रर्दशनकारी बेकाबू हो गए। उग्र प्रदर्शनकारियों ने शोभापुर पुलिस चौकी में आग लगा दी।

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 इतना ही नहीं वहां मौजूद सैकड़ों बाइक और गाड़ियों को फूंक दिया गया। अराजकतत्वों ने पुलिस और मीडियाकर्मियों पर भी पथराव किया।जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा. फिलहाल पुलिस और जिला प्रशासन हालात को नियंत्रण करने में जुटा है, लेकिन दलित संगठनों के उग्र प्रदर्शन के आगे सभी नतमस्तक नजर आ रहे हैं।

वहीं दूसरी तरफ सहारनपुर में भी हजारों दलितों ने दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे पर जाम लगाया।गुस्साए दलितों ने पुलिस पर पथराव भी किया। मेरठ में प्रदर्शनकारियों का प्रदर्शन उग्र होता जा रहा है। जहां दलित प्रदर्शनकारियों ने मेरठ की एक कचहरी में आग दी। इतना ही नहीं उन्होंने बसों में तोड़फोड़ शुरू कर दी है। साथ ही प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी की सारी होर्डिंग्स फूंक डाली है। इस दौरान मीडिया और पुलिसकर्मी बामुश्किल अपनी जान बचाकर भागे। जिले का माहौल देखकर प्रदर्शन के और उग्र होने की संभावना जताई जा रही है। जिसके चलते उपद्रवियों इलाकों में आरएफएफ की टीम तैनात कर दी गई है। इसके इलावा मेरठ, गोरखपुर, सहारनपुर, हापुड़ और आगरा समेत कई जिलों में प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पात मचाया।

दरअसल, 21 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम (एससी/एसटी एक्ट 1989) के तहत दर्ज मामलों में तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।कोर्ट ने फैसला देते हुए कहा कि सरकारी कर्मचारियों की गिरफ्तारी सिर्फ सक्षम अथॉरिटी की इजाजत के बाद ही हो सकती है। जो लोग सरकारी कर्मचारी नहीं है, उनकी गिरफ्तारी एसएसपी की इजाजत से हो सकेगी। हालांकि, कोर्ट ने यह साफ किया गया है कि गिरफ्तारी की इजाजत लेने के लिए उसकी वजहों को रिकॉर्ड पर रखना होगा।

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