रेप के लिए बने सख्त क़ानून ही बन गए निर्दोषों को फंसाने के लिए ब्रहमास्त्र
एटा– दुष्कर्म पीड़िताओं को न्याय दिलाने के लिए सरकार ने जिस कानून को उनके घावों पर मरहम के लिए कड़े कानून बनाये है। वहीं ये सख्त कानून अब झूठे मुकदमें में निर्दोषों को फंसाने के लिए ब्रहमास्त्र बन गया है।
लोग झूटी घटना बनाकर किस तरीके से संयन्त्र रचकर अधिकारियों को गुमराह करते है इसकी बानगी आज एटा में देखने को मिली। जहॉं मकान मालिक द्धारा किरायेदार को मकान खाली करने की बात से आक्रोशित किराएदार महिला ने मकान मालिक पर शादी का झॉंसा देकर अपनी बेटी से दुष्कर्म किए जाने का झूठा आरोप लगाते हुए मकान मालिक पर गर्भपात कराने का आरोप लगाया है। दरअसल कोतवाली नगर के रेवाड़ी मौहल्ला में रहने वाली महिला मन्जू देवी ने मकान मालिक हरीशंकर पर शादी का झॉंसा देकर अपनी बेटी से दुष्कर्म किए जाने के गंभीर आरोप लगाये है इतना ही नहीं गर्भ ठहरने पर आरोपी मकान मालिक पिछले कई दिनों से गर्भपात कराने का दबाब बनाने का भी आरोप है। पुलिस ने पीड़िता की मॉं की तहरीर पर मामले की रिपोर्ट मकान मालिक हरीशंकर समेत चार लोगों के खिलाफ तीन दिन पूर्व थाना कोतवाली नगर में रेप, व गर्भपात के मामला दर्ज करा दिया। मामला दर्ज होने के बाद किरायेदारी को लेकर उठे विवाद से दुष्कर्म का मामला दर्ज होने पर 75 वर्षीय बुर्जुग मकान मालिक सन्न रह गये।
मामले की छानबीन पर उनके हाथ झूठा मुकदमा लिखाने वाली महिला का वो ऑडियो किलिपिंग हाथ लग गयी जिससे पूरा मामला खुल गया । पुलिस अधिकारियों व लोगो ने सुना तो दूध का दूध और पानी का पानी हो गया। फोन पर बातचीत में साफ हो गया कि महिला और उसके बेटे और पति ने मारपीट किए जाने, अंगूठी और जेवरात लूटने और दुष्कर्म के लिए खुद कपड़े फाड़े जाने की बात उस ऑडियो में खुलकर हो रही है। महिला ने खुद ही मकान खाली करने की बात कह सामान बाहर निकाल लिया और सामान ले जाने की बात कहकर कोतवाली पुलिस के पास पहुंच गयी। पूरे मामले को लेकर स्थानीय लोगों के साथ झूठे मुकदमें में फंसाये जाने को लेकर पीड़ित मकान मालिक एसएसपी आवास पहुंचे और अपनी आप बीती एटा एसएसपी अखिलेश कुमार चौरिसिया को सुनाई और महिला की ऑडियो किलिपिंग भी दिखा कर दुष्कर्म के मामले में उन्हें फंसाने की बात कही और एसएसपी को वो ऑडियो की आवाज सुनवाई गई। पूरे मामले में एस एस पी ने गहनता से पूरे मामले की जॉंच की बात कही है। लेकिन इतना तो तय है कि जो कानून दुष्कर्म पीड़िता महिलाओं के लिए एक ढाल के रुप में बनाया गया था आज उसी कानून का दुरुपयोग लोग दूसरों पर झूठे मुकदमें लिखाकर दबाव बनाने के लिए एक हथियार के रुप में कर रहे है।
( रिपोर्ट – आर. बी. द्विवेदी, एटा )