धरती में समा गए दो करोड़ के पौधे…
औरैया — रेलवे फ्रेट कॉरीडोर के तहत कंचौसी से अछल्दा तक रेलवे लाइन के किनारे करीब दो करोड़ रुपये के तीन हजार पौधे रोपे गए थे। करीब 90 फीसदी पौधे रोपने का दावा भी है। जबकि हकीकत में पौधे गायब हैं और सिर्फ ट्री गार्ड बचे हैं। पौधरोपण में घोटाले की बू आ रही है।
दरअसल रेल फ्रेट कॉरीडार निर्माण के तहत रेलवे ने ट्रैक किनारे पेड़ों का कटान किया था। इसकी मंजूरी के लिए पर्यावरण विभाग से पेड़ों को लगाने के लिए तय हुआ था। जिसके तहत कंचौसी से अछल्दा तक करीब तीस हजार पौधे रोपे जाने थे। इसके लिए प्रति पौधा का सात सौ रुपया तय हुआ था। जिसमें ट्री गार्ड से लेकर पौधों की देखभाल तक का जिम्मा था।
करीब दो करोड़ की लागत से पौधों को लगाया जाना था। विभाग का दावा है कि 90 फीसदी पौधों का रोपण भी हो चुका है। लेकिन कंचौसी से लेकर अछल्दा तक हर जगह अब सिर्फ ट्री गार्ड ही बचे हैं। पौधे इन ट्री गार्ड से गायब हो गए हैं। जबकि पिछले दो महीने से निर्माणदायी संस्था टाटा इन पौधों के रोपण में लगी हुई थी। अब ट्री गार्ड व उसमें रेलवे की स्लिप लगी दिख रही है।
वहीं स्थानीय किसानों ने पौधरोपण में घोटाले का आरोप लगाया है। लोगों का कहना है कि जब जिम्मेदारी रेलवे फ्रेट कॉरीडोर की थी तो आखिर पौधे गायब कैसे हो गए। ऐसे तो हरियाली आने से रही। रेलवे फ्रेट कॉरीडार के सहायक प्रोजेक्ट मैनेजर व जिला प्रभारी अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि मामला गंभीर है जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
(रिपोर्ट-वरूण गुप्ता,औरैया)