उत्तर प्रदेश में एक और दहलाने वाली घटना सामने आई है। यहां दलित प्रधानपति की जिंदा जलाकर हत्या कर दी गई. वहीं परिजनों ने विरोधियों पर अपहरण के बाद जिंदा जलाकर हत्या करने का आरोप लगाया है.
फिलहाल पुलिस ने घर वालों की तहरीर पर पांच लोगों पर नामजद हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. इसके अलावा पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
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रात को वो अधजली हालत मिले थे प्रधानपति
बता दें कि इस वारदात स्मृति इरानी के सांसदीय अमेठी की है. यहां
मुंशीगंज कोतवाली क्षेत्र के बंदोइया गांव में गुरुवार रात दलित प्रधानपति को अगवा करके जिंदा जला दिया गया. रात को वो अधजली हालत में मिले, जिसके बाद लखनऊ के ट्रामा सेंटर ले जाते वक्त उनकी मौत हो गई. हत्या के बाद गांव में तनाव को देखते हुए पुलिस बल तैनात किया गया है.
स्मृति ईरान के दखल के बाद दर्ज हुआ मुकदमा…
उधर, मामले जानकारी होते ही केंद्रीय मंत्री व सांसद स्मृति ईरानी तुरंत एक्शन में आ गईं. स्मृति ने डीएम को फोन कर परिवार को आर्थिक मदद के लिए निर्देशित किया. इसके साथ ही एसपी दिनेश सिंह से भी फोन पर बात की.
पुलिस ने बताया कि ग्राम प्रधान छोटका के पति अर्जुन (40) गुरुवार सुबह घर से निकले थे. परिवार का आरोप है कि गांव के ही केके तिवारी, आशुतोष, राजेश मिश्रा, रवि और संतोष ने उन्हें अगवा कर लिया. अर्जुन काफी देर तक घर नहीं लौटे तो उनके बेटे सुरेंद्र ने पुलिस में इसकी सूचना दी.
रात करीब साढ़े दस बजे अर्जुन ग्रामीण कृष्ण कुमार के अहाते में अधजली हालत में मिले. उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया और आज लखनऊ लाते वक्त रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।
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