रेलवे को देना पड़ेगा अरुणिमा सिन्हा को मुआवज़ा
न्यूज़ डेस्क– मशहूर खिलाड़ी और पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा ने सात साल की लंबी क़ानूनी लड़ाई के बाद भारतीय रेलवे से मुआवज़ा पाने का हक़ हासिल कर लिया है। अरुणिमा सिन्हा के वक़ील जानकी शरण पांडेय ने बताया कि रेलवे क्लेम्स ट्रिबुनल(आरसीटी ) लखनऊ बेंच ने रेलवे को सात लाख बीस हज़ार रुपये मुआवज़ा देने का आदेश दिया है।
मुआवज़ा राशि पर एक जनवरी सत्रह से छह प्रतिशत ब्याज भी देय होगा। बता दें कि वालीबाल खिलाड़ी अरुणिमा सिन्हा 11 अप्रैल 2011 को पद्मावती एक्सप्रेस ट्रेन से लखनऊ से दिल्ली जा रही थीं। रास्ते में धनेती स्टेशन के पास डकैतों ने उन्हें बुरी तरह से मारपीट कर ट्रेन से नीचे ढकेल दिया जिससे उन्हें गंभीर चोटें आयीं। आल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज़ में इलाज के दौरान उनका बायॉं पैर काटना पड़ा। लेकिन इसके बावजूद अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति के चलते उन्होंने मॉउंट एवरेस्ट चोटी पर चढ़ने में कामयाबी पायी। मुक़दमे के दौरान पहले तो रेलवे ने उन्हें रेल यात्री नहीं माना और फिर यह कहा कि वह अपनी लापरवाही से दुर्घटना का शिकार हुईं , इसलिए मुआवज़े की हक़दार नहीं हैं। वक़ील पांडेय के अनुसार अरुणिमा विधिवत टिकट लेकर यात्रा कर रही थीं और यात्रा के दौरान उन्हें लुटेरों ने ट्रेन से ढकेला। यह दोनों तथ्य प्रमाणित होने के बाद ट्रिबुनल ने उन्हें क्षतिपूर्ति पाने का हक़दार पाया।