उन्नावः शहीद की अंतिम यात्रा में उमड़ा जन सैलाब,घर में मातम
उन्नाव–बुधवार को पश्चिम बंगाल में हुए नक्सली हमले में एक बार फिर देश ने अपना सच्चे सपूत को खो दिया। दुश्मनो की गोलियों से बहादुरी से लड़ता हुआ उन्नाव का लाल शहीद हो गया।बेटे के शहीद होने की खबर मिलते ही जहाँ पूरे परिवार में कोहराम मच गया।
वही आज जब शहीद का पार्थिव शरीर उसके गाँव पंहुचा तो लोगो का जन सैलाब उमड़ पड़ा। और नम आंखों से शहीद को अंतिम विदाई दी।इस दौरान हर शख्स की जुबा पर बस एक ही बात थी “शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा…।
पश्चिम बंगाल में तैनात थे अरविंद विमल
तिरंगे में लिपटी हुई देश के बहादुर बेटे की लाश और चारो तरफ उमड़ा जन सैलाब और लोगो की आँखों से छलक रहे आंसू… ये नज़ारा उन्नाव के रसूलाबाद इलाके का यहा रहने वाला शहीद अरविन्द विमल बीएसएफ में सिपाही के पद पर तैनात पश्चिम बंगाल के कूच बिहार जिले में तैनात था। बुधवार की रात अरविन्द अपनी टुकड़ी के साथ गश्त पर थे तभी नक्सलियों ने अरविन्द को अगवा कर लिया और उसके हाथ पाँव बांधकर उसे गोलियों से छलनी कर दिया।
जिस कारण भारत माता एक और लाल शहीद हो गया। परिजनों की माने तो 1 फरवरी को अरविन्द को छुट्टी पर घर आना था और इस बार उसकी शादी भी तय होनी थी। पूरा परिवार 1 फरवरी के इंतजार में अपने बेटे के आने का बेसब्री से इन्तजार कर रहा था। लेकिन बेटे के आने से पहले ही उसके शहीद होने की खबर मिलते ही पूरे परिवार में कोहराम मच गया।
यही नहीं अरविन्द के शहीद होने की खबर से पूरे इलाके में मातम पसर गया वही अरविन्द का पार्थिव शरीर जब घर पंहुचा तो अपने बेटे की लाश देखकर परिजन बदहवास होकर गिर पड़े।शहीद का अंतिम विदाई में पूरा जन सैलाब उमड़ पड़ा लोगो की आँखों में आंसू थे लेकिन भारत माता की रक्षा करते हुए क्षेत्र के बेटे के शहीद होने पर फक्र भी था। सरकार ने शहीद के परिवार को केंद्र सरकार की ओर से 40 लाख रूपये दे रही है। इसके अलावा परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाएगी। साथ एक सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान भी।
(रिपोेर्ट-अनुराज भारती,उन्नाव)