अब लोगों को नहीं सताता 112 का भय, जानें क्या है वजह…
112 का नाम सुनकर ही विवाद करने वाले लोग गिड़गिड़ाने लगते थे.
सरकार चाहे जितने भी जतन कर ले 112 को संवारने और सुधारने की ये तस्वीर धीरे धीरे बदलती ही जा रही है ।112 अवतरण के बाद अपराध में जहां भारी कमी आई थी वही छुट पुट अपराधों का धीरे धीरे खात्मा भी जोरो से होने लगे थे।
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112 में तैनात पुलिसकर्मी नई ललक के साथ दिलोजान से अपराध नियंत्रण में जुटे थे ।परन्तु अब ठीक इसी के विपरीत क्रेज घटता जा रहा है ।अब वर्तमान में अगर दो पक्ष आपस में भिड़े हो और कोई भी पक्ष 112 को झट से बुलाने का साहस करें तो दूसरा पक्ष सीना ठोकते हुए इसे बुलाने की धमकी देने लगता है। 112 की फजीहत यही तक सीमित नही है, बल्कि अब लोग बेखौफ 112 में तैनात पुलिसकर्मियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर पुलिस के भय को समाप्त कर रहे है पुलिसकर्मियों की लापरवाही के कारण ये अब चहेतों की पुलिस बन गई है उनके चहेते बगैर 112 डायल किए ही पुलिस को बुलाने का दमखम रखते है ।
जिस ललक के साथ 112 का अवतरण हुआ था और झट से लड़ाई झगड़ा विवादित स्थलों पर पहुच जाती थी मामले को निपटाने के बाद पुलिसकर्मी वीडियो वगैरह बना लेते थे और जब विवाद और बढ़ता था तो बगैर हीलाहवाली दोषी व्यक्ति को गाड़ी में बिठाकर कोतवाली ले आते थे पर अब यह सब बातें धीरे धीरे वक्त बदलते बेईमानी सी लगने लगी है ।
ग्रामीणों के साथ अठखेलिया मनाते है पुलिसकर्मी-
अब पुलिसकर्मी एक दूसरे के कंधे पर हाथ रखकर मौज मस्ती करते है। अपराधी किस्म के लोगों से खूब मिलते जुलते है छोटे छोटे बच्चों के साथ क्रिकेट खेलते है और यहां तक कि 112 खड़े होने के स्थान से चंद दूरी पर लोग गाली गलौज जुआ खेलते रहते है और समय काट रहे गैर जिम्मेदार पुलिसकर्मी इन सब बातों को दरकिनार करके ग्रामीणों के साथ अठखेलिया मनाते है ।
अब वो जमाना भी समय के साथ ही दूर जाने लगा है जब 112 का नाम सुनकर ही विवाद करने वाले लोग गिड़गिड़ाने लगते थे कि 112 ना बुलाए मामले को यहीं निपटा ले यह सब बातें अब बेईमानी साबित हो रही है 112 का खौफ समय के संग धूमिल होता नजर आ रहा है। अपराधी अपराध को 112 की गाड़ी के सामने ही अंजाम देते रहते है और 112 के पुलिसकर्मी निश्चिन्त होकर अपनी गैर जिम्मेदाराना ड्यूटी को निभाते रहते है ।