यहां पुलिस की गाड़ी का हॉन सुनते दौड़ पड़ते है बंदर, जाने वजह..
लॉकडाउन में अंतू कोतवाली में तैनात इंस्पेक्टर पेश कर रहा इंसानियत की मिशाल
पुलिस की गाड़ी का हॉर्न पहंचानते है बंदरो (monkey) के झुंड, हॉर्न बजते ही बंदरो के झुंड हरण के आवाज की दिशा में दौड़ पड़ते है। बंदरो को पता चल जाता है कि हमारी भूख मिटाने वाली गाड़ी आ गई है। ऐसा ही नजारा आज देखने को मिला अंतू कोतवाली के संडवा स्थित जंगल के बीच से गुजरने वाली सड़क पर और ये गाड़ी है अंतू कोतवाली की।
ये भी पढ़ें..कोरोना वॉरियर्स का बढ़ाया मान, पुष्प वर्षा कर भेट किये अंगवस्त्र
प्रतिदिन करते है भोजन…
यहा तैनात इंस्पेक्टर मनोज तिवारी लॉकडाउन शुरू होने बाद से ही रोजाना कोतवाली से निकल कर सबसे पहले इस जंगल के बंदरो (monkey) के पांच गुटों को प्रतिदिन सुबह भीगा चना, केला, गाजर आदि लेकर निकलते है और बंदरो के पांचों गुटों के इलाकों में जाकर उन्हें भोजन कराने की जिम्मेदारी निभाते है। जब हमने उनसे इसके पीछे की कारणों को जानने की कोशिश की तो उनका कहना था कि अयोध्या चौकी में तैनाती के समय लगे कर्फ्यू के दौरान बंदरो की स्थिति खराब होने लगी तो तत्कालीन जिलाधिकारी के निर्देश के बाद हमने ऐसी ही व्यवस्था की थी।
लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर बंदरों पर
वैसी ही स्थित आज लॉकडाउन में यहा के बंदरो की हो गई जिसके बाद हम प्रतिदिन पहले इनको भोजन कराते है। क्योकि बंदर (monkey) ज्यादातर मंदिरों के आसपास रहते है और श्रद्धालुओं द्वारा इन्हें भोजन कराया जाता है, लेकिन लॉकडाउन के बाद यहा स्थित चंडिका देवी मंदिर बन्द हो गया, जिसके चलते श्रद्धालुओं का आना और मार्केट भी बन्द हुआ तो इसका सबसे ज्यादा प्रभाव इन बंदरो पर पड़ा।
बता दे कि विश्वव्यापी महामारी कोरोना कोविड-19 के चलते हुए लॉकडाउन में एक ओर जहां गरीब मजदूरों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया तो वही उन पशु पक्षियों के सामने भी पेट भरने का संकट गम्भीर हो गया, जो इंसानों के आसपास रह कर पेट भरते रहे है। राम भक्त रुद्रावतार हनुमान जी की हमेशा पूजा होती रही है, जिसका वर्णन रामायण से ही प्रमाणित है। लोग मंगलवार का व्रत हनुमान जी को प्रसन्न करने को रहते है और हनुमान चालीसा का पाठ भी करते है।
इंस्पेक्टर बना मिशाल
लेकिन इस इंस्पेक्टर ने बंदरो भोजन कराने का संकल्प लिया है वो किसी पूजा से कम नही है। प्रतापगढ़ पुलिस लॉकडाउन में पूरी तन्मयता से संजीदगी के साथ लॉकडाउन को सफल बनाने के लिए लगातार 12 घण्टे ड्यूटी पर है, साथ ही लोगो की भूख मिटाने में भी लगी हुई है सूचना मिलते ही यथासंभव लंच पैकेट या राशन पहुचा रही है तो वही इंस्पेक्टर मिशाल बना हुआ है इंसानियत की। जिसकी जिले में काफी सराहना हो रही है, इसी चर्चा के आधार पर हमारी टीम ने हकीकत खंगालने की कोशिश की तो सच्चाई सामने आ गई।
ये भी पढ़ें..…जब भूखे बंदर ने पुलिसकर्मियों से मांगा खाना
(रिपोेर्ट- मनोज त्रिपाठी, प्रतापगढ़)