लखनऊःसहारा अस्पताल का कारनामा, जिसे होना था सुपुर्द-ए-खाक उसकी हो गई अंत्येष्टि
लखनऊ–लखनऊ के चर्चित सहारा हॉस्पिटल प्रशासन की घोर लापरवाही से एक बड़ा बखेड़ा खड़ा हो गया है । उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सहारा अस्पताल के कर्मचारियों की लापरवाही से मर्च्युरी में रखे महिलाओं के दो शवों में अदला-बदली हो गई, जिसकी वजह से हिंदू परिवार ने मुस्लिम महिला के शव का दाह संस्कार कर दिया और राख़ विसर्जित करने के लिए संगम चले गए।
इधर अस्पताल प्रशासन ने सारी औपचारिकताएं पूर्ण कर जब मिर्जा परिवार को इशरत का शव सौंपा तो हड़कम्प मच गया । दरअसल जो शव मिर्ज़ा परिवार को दिया गया वो अर्चना गर्ग का था ।मिर्ज़ा परिवार ने शव लेने से इनकार कर दिया ।अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से लाश ही बदल गयी है ।आनन फानन में गर्ग परिवार को फोन कर लाश वापस मांगी गई तो उस परिवार के भी होश उड़ गए ।क्योंकि उस परिवार ने तो शव का अंतिम सस्कार कर दिया था और जब उनके पास फोन पहुंचा तो वे अस्थियां विसर्जित करने इलाहाबाद जा रहे थे । मिर्ज़ा परिवार ने मामले की शिकायत तत्काल विभूतिखंड पुलिस को से की. मौके पर पहुंचे इंस्पेक्टर विभूतिखंड राजीव द्विवेदी ने अस्पताल प्रशासन से बातचीत की तो मामला और उलझ गया ।
इधर मिर्जा परिवार अर्चना गर्ग की लाश लेने से मना कर दिया और उधर गर्ग परिवार ने जिस शव का अंतिम संस्कार किया वो उनका था ही नहीं । गर्ग परिवार वापस लखनऊ आया है और अर्चना गर्ग की लाश ले कर जा रहा है ।गर्ग परिवार को दुबारा सारी औपचारिकताएं करनी पड़ रही हैं ।
गर्ग परिवार को तो अर्चना का शव मिल गया मगर अस्पताल प्रशासन मिर्ज़ा परिवार को इशरत का शव कहा से दे ।क्योंकि वो तो गर्ग परिवार ने जला दिया ।फिलहाल खबर लिखे जाने तक अस्पताल में हंगामा जारी था ।अस्पताल प्रशासन ने बताया कि दोनों परिवारों और अस्पताल प्रबंधन में बातचीत चल रही है। जल्द ही समाधान निकलेगा ।