अवध के किसानों पर अब महंगी यूरिया की मार !
लखनऊ–चौतरफा मार झेल रहा अवध का किसान ऐन रबी की फसल के समय महंगी यूरिया या उसके साथ जिंक सल्फेट जैसे अन्य उत्पाद खरीदने के लिए बाध्य है।
2014 में सरकार बनने से पहले ही विभिन्न रैलियों में वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने यूरिया के दुर्पयोग को रोकने के लिए एक कार्य योजना की घोषणा की थी। इसमें कृषि क्षेत्र में उपयोग में लाए जाने वाली यूरिया को रंगीन बना कर किसानों तक सहजता से उपलब्ध करवाने का वायदा किया गया था। सरकारें इस दिशा में आगे भी बढ़ी लेकिन यूरिया की कालाबाजारी में लगे व्यापारियों ने नया रास्ता खोज लिया। वे यूरिया की कृतिम किल्लत बताते हुए 266.50 रुपए की जगह खुलेआम 300 रुपए प्रति बोरी वसूल रहे हैं।
कहीं कहीं यूरिया के साथ कम बिकने वाली खाद या किटाणुनाशक को जबरन बेचा जा रहा है। इस कालाबाजारी की निगहबानी करने वाली संस्था, जिला कृषि अधिकारी एक सिरे से सारे दावों को खारिज करते हुए जनभावनाओं की उपेक्षा कर रहे है।
जिलाधिकारी को चाहिए कि एक अलग से टीम नियुक्त कर यूरिया की कालाबाजारी करने वाले व्यापारियों और इसमें लिप्त सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करे।