जानें, आखिर क्यों मनाया जाता है ‘पुलिस झंडा दिवस’

अर्जुन के रथ की पताका से है कनेक्शन.

0 1,139

लखनऊ–यूपी पुलिस के इतिहास में 23 नवम्बर का दिन विशेष महत्व रखता है। इस दिन को ‘पुलिस झंडा दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। 23 नवम्बर 1952 के बाद प्रति वर्ष सैनिक कल्याण के लिए झंडे के स्टीकर जारी किए जाते हैं।

कुरूक्षेत्र में कौरव और पांडवों के बीच धर्मयुद्ध में अर्जुन के रथ पर भी ध्वज पताका थी। धवज को अधर्म पर धर्म की विजय की प्रेरणा के तौर पर भी माना जाता है। पुलिस और सेना भी समाज में बुराई को दंडित करने और अच्ठाई सो स्थापिल करने के लिए कार्य करती है। इसीलिए पुलिस को शौर्य को सम्मानित करने के लिए 23 नवंबर 1952 को भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने उत्तर प्रदेश पुलिस और पीएसी को फ्लैग प्रदान किया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू द्वारा उत्तर प्रदेश पुलिस को यह फ्लैग पुलिस और पीएसी के बलों द्वारा उनके शौर्य प्रदर्शन और उच्च कोटि की कर्तव्यपरायणता के फलस्वरूप दिए गए थे।

Related News
1 of 2,454

पुलिस झंडा दिवस के अवसर पर प्रदेश के समस्त मुख्यालयों, ऑफिसों, पीएसी वाहिनियों, क्वार्टर गार्ड, थानों, भवनों, कैंपों आदि पर पुलिस ध्वज फहराया गया। साथ ही प्रभारी अधिकारी द्वारा सलामी दी गई। पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों ने पुलिस ध्वज का प्रतीक (स्टीकर) को वर्दी की कमीज की बांयी जेब की बटन के ऊपर लगाया।

इसे यूपी पुलिस के लिए सबसे गौरव का विषय माना जाता है, जिसमें पूरे देश में उत्तर प्रदेश ही ऐसा पहला राज्य है जिसके नागरिक पुलिस व पीएसी बलों को देश के प्रधानमंत्री द्वारा ध्वज प्रदान किए गए है। तब यह समारोह लखनऊ के पुलिस लाइन में आयोजित किया गया था। लिहाजा यूपी पुलिस के इतिहास में 23 नवम्बर का दिन विशेष महत्व रखता है।

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Comments
Loading...