वैज्ञानिकों ने किया कमाल,23 साल की कड़ी मेहनत के बाद ‘लाल’ हुई भिंडी
वैज्ञानिकों ने बताया कि यह भिंडी एंटी ऑक्सीडेंट, आयरन और कैल्शिय सहित तमाम पोषक तत्वों से भरपूर है.
वाराणसी — भारतीय कृषि वैज्ञानिकों को एक बड़ी कामयाबी मिली है.भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान ने 23 साल की कड़ी मेहनत के बाद आखिरकार भिंडी की नई प्रजाति ‘काशी लालिमा’ विकसित करने में सफलता पा ली है.
लाल रंग की यह भिंडी एंटी ऑक्सीडेंट, आयरन और कैल्शियम सहित अन्य पोषक तत्वों से भरपूर है.करीब 23 साल की कड़ी मेहनत के बाद भिंडी की नई प्रजाति विकसित कर ली गई है. यह कमाल भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने किया है. सबसे खास बात है कि यह भिंडी हरी होने की बजाय लाल है और इसी कारण इसका नाम ‘काशी लालिमा’ रखा गया है.
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (IIVR) की यह सफलता काफी खास है. वैज्ञानिकों ने बताया कि यह भिंडी एंटी ऑक्सीडेंट, आयरन और कैल्शिय सहित तमाम पोषक तत्वों से भरपूर है. इसकी कई किस्मों को वैज्ञानिकों ने विकसित किया है. आम भिंडी के मुकाबले इसकी कीमत ज्यादा है. काशी लालिमा भिंडी की अलग-अलग किस्मों की कीमत 100 से 500 रुएए किलो तक है.भारत में हरी भिंडी ही प्रचलन में है. लाल रंग की भिंडी पश्चिमी देशों में मिलती है और भारत भी वहीं से अपने उपयोग के लिेए मंगाता है. लेकिन, देश में इसकी किस्म विकसित हो जाने के बाद इसे आयात करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.