बहराइच–भारी बारिश से जिले में मेडिकल कालेज से संबध जिला अस्पताल में अफरा तफरी मच गई। चारों तरफ पानी भरने के साथ ही मेडिकल कालेज की बत्ती जो गुल हुई तो कई घंटों तक आने का नाम नही ली और न ही अस्पताल प्रसाशन ने जनरेटर से विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने की जहमत उठाई।
बहराइच के जिला अस्पताल को मेडिकल कॉलेज का दर्जा तो दे दिया गया है, लेकिन जनरेटर या सौर्य ऊर्जा की समुचित व्यवस्था नहीं की गई जिससे यहा आने वाले मरीजों को कदम कदम पर दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। इस अस्पताल का हाल इस वक्त ग्रामीण इलाकों में चल रहे छोटे – मोटे अस्पतालों जैसा ही हो गया है जबकि 500 बेड के इस अस्पताल में बलरामपुर, गोण्डा और नेपाल तक से मरीज इस विश्वास के साथ आते हैं ।
वयस्क मरीज़ और तीमारदार तो परेशान हैं ही लेकिन छोटे बच्चों का हाल और बुरा है वह अंधेरे और गर्मी से इतना व्याकुल हैं कि हर तरफ बच्चों के रोने की आवाज़ें सुनाई दे रही है। तीमारदार महिलाओं की आबरू पर भी खतरा मंडरा रहा है क्योंकि उन्हें पानी लेने, दवा लेने और खाना लेने मजबूरन बाहर जाना ही है जहाँ उचक्के ऐसे मौके का फायदा उठा कर उनके साथ कोई भी हादसा कर सकते है।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ डी के सिंह ने बताया कि बारिश इतनी भीषण थी कि वार्डों सहित मेरे रूम तक में पानी भर गया था। सामने जो नाला बहता था उसकी दीवार गिर गई जिससे पानी का निकास बन्द हो गया और पानी अस्पताल में जगह-जगह भर गया। वार्डो में लाइट न होने की वजह से मोमबत्ती और टार्च की रोशनी में इलाज करना पड़ा था। उन्होंने कहा कि ऐसा मेरी ज़िन्दगी में पहली बार हुआ है जब पानी अस्पताल में भर गया। बड़ी भीषण स्थित थी, मरीज़, तीमारदार और डॉक्टर सभी परेशान थे।
(रिपोर्ट-अनुराग पाठक, बहराइच)