कारगिल में शहीद के परिवार की पुश्तैनी जमीन पर दबंगों ने किया अवैध कब्जा 

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हरदोई— “आबिद तुमने नाम किया है, पाली को सम्मान दिया है, जब तक सूरज चांद रहेगा,आबिद तेरा नाम रहेगा”।3 मई 1999 को शुरु हुआ कारगिल विजय ऑपरेशन 26 जुलाई 1999 को समाप्त हुआ।

जिसमें भारतीय सेना के जांबाज लड़ाकों ने घुसपैठियों से लोहा लेते हुए अपनी जांबाजी वीरता की दम पर दिलेराना ढंग से दुश्मनों के सीने को चीरते हुए विजय का जो इतिहास रचा, उसे हम प्रतिवर्ष 26 जुलाई को विजय दिवस के रूप में मनाते हैं। कारगिल के इस महायज्ञ में पाली नगर के भी एक लाल ने अपने प्राणों की आहुति देते हुए 17 पाकिस्तानी दुश्मनों को मौत के घाट सुला दिया था, उनकी शहादत पर आज भी लोगों को फक्र है।

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वहीं आज शहीद आबिद के परिवार को काफी परेशनियों का समान करना पड़ रहा है। शहीद की की पत्नी फिरसौद ने पुश्तैनी जमीन को दबंगों के कब्जे से मुक्त कराने का प्रार्थना पत्र जिला अधिकारी को सौंपा था। आपको बताते चलें ,प्रार्थिनी कारगिल विधवा फिरसौद  बेगम पत्नी कारगिल शहीद आबिद खां निवासी मोहल्ला शहीद आबिद नगर कस्बा व थाना पाली तहसील सवायजपुर जिला हरदोई प्राथमिकी भूमि स्थित ग्राम भगवंतपुर अंदर टाउन एरिया परगना पाली तहसील सवाईपुर जिला हरदोई गाटा संख्या 271/0 202,273/0.076 को उत्कर्ष मिश्र पुत्र स्वर्गीय आनंद प्रकाश मिश्रा एडवोकेट निवासी पाली ने जबरदस्ती कब्जा कर रखा है। 

कारगिल विजय दिवस विशेषःजब पाक घुसपैठियों पर कहर बनकर टूट पड़े थे शहीद आबिद खान

प्रार्थी के ससुर गफ्फार काफी वृद्ध हैं। आने में सक्षम नहीं है और उनकी जमीन के कागज प्रार्थना पत्र के साथ में संलग्न किए गए थ।प्रार्थिनी का देवर कश्मीर बॉर्डर पर तैनात है। जिसने लेटर भेजा है फिर भी उपरोक्त जमीन के संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई। प्रार्थिनी पर्दा नशी महिला है जोकि कभी भी घर से बाहर नहीं निकलती है। प्रार्थनी इससे पूर्व कई प्रार्थना पत्र दे चुकी है। लेकिन कहीं भी सुनवाई नहीं हुई ।पुलिस प्रशासन ने भी मदद नहीं की।

(रिपोर्ट-सुनील अर्कवंशी,हरदोई)

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