अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है जिला अस्पताल

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प्रतापगढ़ –यूपी के प्रतापगढ़ का जिला अस्पताल अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है, मरीज परेशान हो रहे है।

वहीं नोडल ऑफिसर खाद्य आयुक्त की सीएमएस योगेंद्र यति को फटकार और विभागीय कार्यवाई की चेतावनी के बाद भी जिला अस्पताल के हालात और नही बदला योगेंद्र का रवैया। 

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उधर लगातार मिल रही शिकायतों को संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही ने अचानक जिला अस्पताल पहुचे जिन्हें अस्पताल गेट के परिसर में घुसने में ही भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।जबकि जिला अस्पताल मार्केट बन चुका है यहां पार्किंग स्थल और अवैध दुकानें सजती है। हर तरफ गन्दगी नजर आती है।यहीं नहीं यहा मरीजो के लिए बाहर से दवायां लिखी जाती है और ऑपरेशन के लिए साढ़े तीन हजार रुपये लिए जाते है। इतना ही नही मरीजो को बाहर से लाने पड़ते है पंखे तो वही दो तीन दिन बाद चादरें बदलती है।

अचानक ओपीडी में डीएम के पहुँचते ही सक्रिय दलालों में भगदड़ मच गई, ओपीडी में डॉक्टरों के चेम्बर में दवा कम्पनियो के पोस्टरो से पटे पडे है हर तरफ गंदगी फैली हुई है।वहीं शौचालय बन्द मिलने पर डीएम मार्कण्डेय शाही का पारा हाई गया तो सीएमएस योगेंद्र यति को जमकर फटकार लगाई।पूरे निरीक्षण के दौरान सीएमएस को फजीहत का सामना करना पड़ा क्योकि जिधर भी नजर गई बदहाली ही नजर आई। 

 डीएम के पूंछने पर रसोइए ने बताया कि साढ़े बारह बजे खाना बना लिया था और साढ़े ग्यारह बजे मरीजो को खाना दे दिया। लेकिन खाना बनाने के कोई लक्षण नजर नही आए डस्टबिन में भी, जबकि महिला अस्पताल में खाने का दिया गया है ठेका। सीएमओ कार्यालय की भी हकीकत खंगाली डीएम ने तो पैसे लेकर काम करने की बात खुलकर सामने आई। लगभग तीन घण्टे चले इस अभियान के बाद जिलाधिकारी ने सीएमएस योगेंद्र यति को कारण बताओ नोटिस, डिप्टी सीएमओ सीपी शर्मा को चेतावनी, दो स्टोर इंचार्ज को शोकाल नोटिस तो सीएमओ ऑफिस की महिला लिपिक के निलंबन और संविदा कर्मी की सेवा समाप्ति के निर्देश दिए। 

(रिपोर्ट-मनोज त्रिपाठी,प्रतापगढ़)

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