बाहुबली अतीक प्रकरण की जांच करने देवरिया पहुंची सीबीआई

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देवरिया — बाहुबली अतीक अहमद के इशारे पर लखनऊ के रीयल एस्टेट कारोबारी का अपहरण कर जेल में पिटाई और संपत्ति बैनामे कराने के मामले की जांच करने सीबीआई टीम गुरुवार की शाम देवरिया पहुंच गई।

सीबीआई ने करीब दो घंटे तक जिला कारागार में पहुंच कर जांच पड़ताल की। जांच टीम ने बैरक नंबर सात को भी देखा जहां पर अतीक व उसके गुर्गो ने लखनऊ के कारोबारी मोहित जायसवाल की पिटाई करते हुए जबरन उसकी संपत्ति का बैनामा कराने के लिए स्टाम्प पर हस्ताक्षर करा लिए थे।

करीब दो घंटे तक जेल में पहुंच कर रिकार्डो को खंगाला पूर्व जेल अधीक्षक दिलीप पाण्डेय से टीम ने की पूछताछ लखनऊ से कारोबारी मोहित को साथ लेकर आई थी सीबीआई की आठ सदस्यीय जांच टीम सिंचाई विभाग के डाक बंगले में टिकी है ।

लखनऊ से शाम करीब 5 बजे तीन गाड़ियों से सीबीआई की टीम देवरिया पहुंची। आठ सदस्यीय सीबीआई टीम के साथ करीब आधा दर्जन पुलिसकर्मी भी थे। यहां पर पहले से ही कुछ सुरक्षाकर्मी व जिला कारागार देवरिया के अधिकारी उनका इंतजार कर रहे थे।

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सिंचाई विभाग के डांक बगंले में कुछ देर ठहरने के बाद दो अन्य गाड़ियों को लेकर जांच टीम पौने छ: बजे जिला कारागार पहुंची। करीब दो घंटे तक सीबीआई ने जेल में जांच पड़ताल की। जांच टीम के साथ कारोबारी मोहित जायसवाल भी था। सिंचाई विभाग के डाकबंगले में ठहरी सीबीआई देर रात तत्कालीन जेल अधीक्षक दिलीप पाण्डेय से भी पूछताछ कर सकती है। उन्हें पहले ही तलब कर लिया गया है। 

12 जून को सीबीआई ने दर्ज किया था केस 

सीबीआई ने मोहित जायसवाल की तहरीर पर 12 जून को लखनऊ में अतीक अहमद, फारुख, जकी अहमद, अतीक के बेटा उमर, जफरउल्लाह, गुलाब और 12 अज्ञात लोगों के विरुद्ध 147, 149,386, 329, 420, 467,468,471, 394, 506 और 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज किया था। तभी से सीबीआई के जल्द देवरिया पहुंचने की चर्चाएं थी।

यह है पूरा मामला

26 दिसंबर 2018 को लखनऊ के रियल एस्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल का अपहरण अतीक के गुर्गो ने उसके कार्यालय से किया था। बदमाश उसे लेकर जिला कारागार के बैरक नम्बर सात में लेकर आए। जहां अतीक अहमद बंद था। अतीक के बैरक में उसके बेटे उमर व गुर्गो ने उसे जमकर मारने पीटने के साथ ही करीब 45 करोड़ रुपए की संपत्ति हथियाने के लिए जबरन स्टांप पेपर पर दस्तखत करा लिए थे। इसमें कारोबारी की अंगुली टूट गई थी। लखनऊ पहुंचने पर मोहित ने घटना की जानकारी कृष्णानगर थाने को दिया।

मामला सामने आते ही प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया। डिप्टी जेलर, हेड वार्डर और दो वार्डर को निलम्बित कर दिया गया। आनन -फानन में प्रशासन ने अतीक अहमद को बरेली जेल भेज दिया। कारोबारी मोहित ने पुलिस की जांच पर असतंषोक व्यक्त करते हुए मामले की जांच सीबीआई से कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया। इसके साथ ही अतीक अहमद को गुजरात  जेल शिफ्ट करने को कहा।  

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