अपने 79वे जन्म पर मुलायम ने कहीं ये बड़ी बाते,शिवपाल रहे नदारद
लखनऊ —समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का जन्मदिन आज सपा कार्यालय पर बडे ही धूमधाम से मनाया गया। इसके लिए लखनऊ के सपा पार्टी कार्यालय पर अखिलेश की तरफ से अच्छी खासी तैयारिया कि गयी थी हालांकि आचार संहिता के कारण ख़ास तरह के इंतजाम नहीं किये गये हैं।
जिसके तहत कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव कार्यालय पहुंचे थे, इस दौरान कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत कई पार्टी नेता और मुलायम सिंह यादव के करीबी मौजूद थे।वही इस कार्यक्रम में शिवपाल सिंह यादव नदारद रहे। सूत्रों की माने तो पार्टी की ओर से शिवपाल सिंह यादव को आमंत्रित नहीं किया गया था।
गौरतलब है कि, यूपी विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी में शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश यादव के बीच मतभेद हो गया था। जिसके बाद ही से अखिलेश यादव लगातार कई मौकों पर अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव को गच्चा दे चुके हैं। राजधानी लखनऊ में बुधवार को मुलायम सिंह यादव का जन्मदिन शिवपाल सिंह यादव के बिना मनाया गया। जिसके बाद शिवपाल सिंह यादव ने ट्वीट कर मुलायम सिंह यादव व अपने बडे भाई को जन्मदिन की शुभकामना दी।
इस दौरान मंच पर पहुंचे मुलायम सिंह यादव को शाल उढ़ाकर अखिलेश ने उनका स्वागत किया। इसके बाद मंच से बोलते हुए मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को पहले भी आशीर्वाद देते रहे हैं, आगे भी देते रहेंगे। मुलायम ने कहा कि अखिलेश लड़का पहले है, नेता बाद में है। सपा संरक्षक मुलायम ने पार्टी नेताओं को सलाह दी कि अच्छा आचरण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पत्नियों की बात सभी सुननी चाहिए, पत्नियों दबाकर नहीं रखना चाहिए। समाजवाद समता और संपन्नता का ही असली नाम है। नेताओं के समर्थन में नारे लगाना समाजवाद नहीं हो सकता है।
बीजेपी पर निशाना साधते हुए मुलायम ने कहा कि बीजेपी सत्ता में झूठ बोल कर आई है। बीजेपी ने 15 लाख देने वादा किया था, एक बार में नहीं दे सकते, धीरे धीरे दे दो। वादा खिलाफी भ्रष्टाचार के बराबर है, हमने जो कहा वो वादा पूरा किया। समाजवादी जो बोलते है वो करते है जैसे अखिलेश ने सीएम बनते ही पूरा काम किया।
मुलायम ने कहा अयोध्या में गोली चलने के बाद भी 105 सीटें जीती थीं, अब 47 जीती। हमें लोगों ने हत्यारा तक कहा, हिंदुओं का हत्यारा लेकिन हम फिर भी जीते। उस समय सब नेता साथ थे मगर आज ऐसे लोग हैं अखिलेश के साथ जो अपने गांव का पोल तक हारे हैं। मैं अपनी पार्टी को कमज़ोर नहीं देख सकता, 1992 को मैंने समाजवादी पार्टी बनाई थी।