भारत की बड़ी जीत,दलवीर भंडारी दूबारा बने अंतर्राष्ट्रीय अदालत के जज
न्यूज डेस्क — भारत के दलवीर भंडारी अंतर्राष्ट्रीय अदालत के जज बना दिये गए हैं. अंतर्राष्ट्रीय अदालत के जजों के पैनल में नए सदस्य के लिए संयुक्त राष्ट्र में सोमवार रात वोटिंग हुई. जिसमें भंडारी ने ब्रिटेन के क्रिस्टोफर ग्रीनवुड को हराया.
संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने पांच सीटों में चार के लिए जजों की नियुक्ति कर ली थी. लेकिन पांचवीं सीट के लिए भारत और ब्रिटेन के उम्मीदवारों के बीच कड़ी टक्कर हुई. फैसला सोमवार को एक वोटिंग के जरिए हुआ. भंडारी की स्थिति इसमें लगातार मजबूत बनी रही.
बता दें कि आईसीजे में 15 जज होते हैं जिन्हें नौ सालों के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद नियुक्त करती है. किसी भी उम्मीदवार की नियुक्ति के लिए दोनों संस्थानों में बहुमत मिलना जरूरी है.सोमवार को हुए इस चुनाव में सुप्रीम कोर्ट में जज रहे दलवीर भंडारी को न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में राष्ट्र महासभा में 193 में 183 वोट मिले. जबकि सुरक्षा परिषद में उन्हें15 वोट.
गौरतलब है कि भारत के 70 वर्षीय जस्टिस भंडारी को अंतरराष्ट्रीय अदालत में ये दूसरा कार्यकाल मिला है. इससे पहले वह अप्रैल 2012 में नियुक्त किए गए थे. उस वक्त 193 सदस्यों वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा में उन्हें 122 वोट मिले थे. जबकि फिलिपींस के उम्मीदवार को महज़ 58 वोट मिल पाए थे. जबकि 15 सदस्यों वाले सुरक्षा परिषद में उन्हें पूर्ण बहुमत हासिल हुआ था.उनका मौजूदा कार्यकाल फरवरी 2018 में समाप्त होगा. अब वह अगले नौ सालों के लिए दोबारा नियुक्त किए गए हैं.
आईसीजे में अपने कार्यकाल के दौरान भंडारी ने 11 मामलों में अपना व्यक्तिगत निर्णय दिया. जिसमें समुद्री विवाद, अंटार्कटिका में व्हेल पकड़ने, नरसंहार के अपराध, परमाणु निरस्त्रीकरण, आतंकवाद के वित्तपोषण और सार्वभौमिक अधिकारों का उल्लंघन शामिल हैं.
भंडारी की जीत भारत के लिए अहम
भंडारी की जीत भारत के लिहाज से बेहतरीन है, क्योंकि पाकिस्तान में बंद कुलभूषण जाधव का मामला भी अंतर्राष्ट्रीय अदालत में है। माना जाता है कि ब्रिटेन को डर था कि कहीं भारत ने दो तिहाई मत हासिल कर लिए तो सुरक्षा परिषद के लिए भारत के प्रत्याशी को आईसीजे में निर्वाचित होने से रोकना बहुत मुश्किल होगा। भारत की लोकतांत्रिक तरीके से हुई इस जीत ने वीटो की शक्ति रखने वाले पांच स्थाई सदस्यों ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस, और अमेरिका पर भारत का दबदबा कायम कर दिया है।