कानपुर पहुंचे राष्ट्रपति कोविंद, पुराने दिनों को किया याद

0 22

कानपुर–भारत में तेजी से बदलते परिवेश में शिक्षण संस्थाओं को उनकी भूमिका की याद दिलाते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारत को बदलने में इनकी अहम भूमिका है। 

Related News
1 of 1,456

कानपुर पहुंचकर राष्ट्रपति ने कहा कि- शिक्षण संस्थाएं ऐसा भारत बनाने में योगदान कर सकती हैं  जहां पर गरीबी, आतंकवाद, नक्सलवाद या फिर किसी तरह की अराजकता न हो.कानपुर के जिस डीएवी कॉलेज में छात्र रहते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शिक्षा ली थी उसी के शताब्दी वर्ष के समारोह में शामिल होकर वह पुरानी यादों में खोते हुए दिखे. राष्ट्रपति ने कहा कि, शिक्षण संस्थाएं ही भारत को बदलने में अहम भूमिका निभा सकती हैं.इस दौरान उन्होंने आर्य समाज का भी खूब जिक्र किया. उन्होनें कहा कि आर्य समाज ने कई क्रांतिकारियों को जन्म दिया समाज में जागरण के काम से लेकर देश के स्वाधीनता संघर्ष के कालखंड में क्रांतिकारियों की फौज खड़ी करने का काम आर्यसमाज ने किया. स्वामी दयानंद सरस्वती का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि  उन्होंने 1874 में समाज सुधार के लिए आर्यसमाज की स्थापना की स्वामी जी के आदर्श का समाज बनाने के लिए ही डीएवी कॉलेज की स्थापना हुई.

शताब्दी वर्ष के समारोह को गौरवपूर्ण क्षण बताते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने यहां पर शिक्षा प्राप्त कर चुके पूर्व शिक्षकों और विद्यार्थियों को भी याद किया. कुछ नामों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि, कुछ नामों से ही पूरी परंपरा की झलक मिल जाती है. उन्हीं में से एक आचार्य मुंशी राम शर्मा सोम हैं. राष्ट्रपति ने कहा कि  चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, शालिग्राम शुक्ल, शिव वर्मा जैसे स्वाधीनता संग्राम सेनानियों को इस कॉलेज के शिक्षकों से सहयोग मिलता था. सुरेंद्र नाथ पांडेय, ब्रम्हदत्त और महावीर सिंह जैसे पूर्व विद्यार्थियों का नाम स्वाधीनता सेनानियों का नाम आदर्श  के रूप में लिया जाता है. राष्ट्रपति ने कहा कि  यहां विज्ञान के क्षेत्र में आत्माराम, साहित्य में गोपालदास नीरज, और आरसी बाजपेयी ने डीएवी कॉलेज, कानपुर के नाम को रोशन किया.

(रिपोर्ट-दुर्गेश मिश्रा, कानपुर)

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Comments
Loading...