रियल्टी चेकिंग में खुल गई 108 एम्बुलेंस की पोल, दम तोड़ रहे मरीज

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फर्रुखाबाद–फर्रुखाबाद में स्वास्थ सेवाएं सुधरने का नहीं ले रही हैं। मरीजों को मिलने वाली सरकारी एम्बुलेंस सेवा मजाक बनकर रह गयी है। हालात यह है कि ग्रामीण इलाके में बीमार मरीज को 2 घंटे तक एम्बुलेंस सेवा का लाभ नहीं मिला तो तीमारदारों ने एक प्राइवेट लोडर वाहन से इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया जाता है।

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फर्रुखाबाद जिले में कुल 108 एम्बुलेंस 36 है।जिसमे बहुत सी एम्बुलेंस खराब है।आज फर्रुखाबाद में में इसी की हकीकत जानने के लिए जब 108 एम्बुलेंस की रियल्टी चेक करने के लिए 2 बजकर 39 मिनट पर फोन किया गया तो एम्बुलेंस अपने पॉइंट से घटना स्थल पर 3 बजकर 5 मिनट पर पहुंची।जबकि जिस लोहिया अस्पताल से एम्बुलेंस चली थी वहां से घटना स्थल की दूरी महज 4 किलोमीटर है।जबकि एक किलोमीटर की दूरी तय करने में 2 मिनट का समय लगता है।जब एम्बुलेंस के ईएमटी से गाड़ी के अंदर लगे दबाई के बॉक्स के बारे में पूछा तो उसने कहा कि ताला लगा हुआ है।वही आक्सीजन के गैस सिलेंडर पर धूल ही धूल दिखाई दे रही थी।जिले में 108 एम्बुलेंस भगवान भरोसे चल रही है।

वही हाल कमालगंज सीएचसी का है जहां पर मरीजो के लिए एम्बुलेंस पहिया पिंचर होने पर जैक पर खड़ी हुई है यहाँ पर मरीज अपने साधनों से अस्पताल पहुंच रहे है उसके साथ मरीज 108 पर फोन करते रहते है लेकिन फोन नही लगता है लग भी जाता है तो समय से पहुंचती नही है।साथ मे ही मोहम्दाबाद सीएचसी का है।दो एम्बुलेंस है। एक गाड़ी चार दिन से खराब है। वही लोहिया अस्पताल में तीन से चार गाड़िया खराब बनी रहती है।

(रिपोर्ट- दिलीप कटियार, फर्रुखाबाद ) 

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